अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां जम्मू-कश्मीर में जोरों पर हैं। इस वर्ष यात्रा 3 जुलाई से आरंभ होगी और हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के लिए यह यात्रा और भी संवेदनशील बन गई है। सरकार ने यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी है।
अमरनाथ यात्रा के लिए दो मुख्य बेस कैंप — सोनमर्ग में बालटाल और अनंतनाग के पहलगाम में नुनवान पर तैयारियों में तेजी लाई गई है। पहले जहां सिर्फ टेंट लगाए जाते थे, अब यात्रियों के लिए पक्की इमारतों और ठहरने की बेहतर सुविधाओं का निर्माण हो रहा है। निर्माण कार्य दिन-रात चल रहा है ताकि श्रद्धालुओं को अधिकतम सुविधा दी जा सके।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आएंगे, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने विश्वास जताया कि लोग जब वापस लौटेंगे, तो कश्मीर की शांति और सुंदरता की सराहना करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए अनंतनाग और गांदरबल जिलों में यात्रा मार्गों पर डिजिटल हाई-टेक कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों से यात्रा पर 24×7 नजर रखी जाएगी और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। इस कमांड सेंटर में 20 से अधिक सरकारी विभागों के लगभग 60 अधिकारी दिन-रात काम करेंगे। इसमें पुलिस, सीआरपीएफ, स्वास्थ्य विभाग, पीएचई, बिजली, टेलीकॉम समेत कई अन्य विभाग शामिल हैं। यात्रा मार्ग पर 360 डिग्री हाई-डेफिनिशन कैमरे और स्टैटिक कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि निगरानी और भी प्रभावी हो सके। प्राकृतिक आपदा या किसी आपात स्थिति के लिए पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ और सीआरपीएफ की टीमें अलर्ट पर रहेंगी।
हर पंजीकृत यात्री को इस बार RFID टैग दिया जाएगा, जिससे उसकी रियल-टाइम लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी। इससे न सिर्फ यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि कोई श्रद्धालु रास्ते में न खोए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की जा रही हैं। सभी विभागों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि श्रद्धालुओं को हर स्तर पर सुविधा और सुरक्षा मिल सके।