नूंह: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के मामले थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। पहलेजिला नागरिक अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात का हाथ काटा गया, फिर तावड़ सीएचसी में एक महिला की नलबंदी कर दी गई। अब बिछोर पीएचसी से एक और गंभीर मामला सामने आया है। यहां प्रसव के दौरान एक महिला के गर्भाशय को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
स्वजन का आरोप है कि प्रसव के समय स्टाफ नर्सों ने लापरवाही बरती, जिसके कारण महिला का गर्भाशय फट गया। महिला के पति ने स्टाफ नर्सों के खिलाफ सीएम विंडो, प्रधानमंत्री पोर्टल और अन्य स्थानों पर लिखित शिकायत की है। बिछोर निवासी शहाजान ने शिकायत में बताया कि एक सितंबर को उसकी गर्भवती पत्नी अरसीदा के पेट में दर्द हुआ। जिसके बाद वह उसे अपने नजदीक पीएचसी बिछोर में लेकर पहुंचा। आरोप है कि वहां पर कार्यरत स्टाफ नर्स निशा व सफाई कर्मचारी बीरबती इंजेक्शन देकर महिला का प्रसव कराने लग गई।
प्रसव के दौरान नर्स द्वारा बच्चे को जबरन खींचने का प्रयास किया गया। जब गर्भाश्य फटने पर महिला का खून नहीं रुका तो नर्सों ने प्राइवेट पार्ट में कपड़ा ठूंस दिया गया। इस बारे में स्वजन को कुछ भी नहीं बताया गया। इसके बाद महिला की छुट्टी कर दी गई। जब महिला का खून नहीं रुका तो स्वजन उसे निजी अस्पताल में लेकर भागे, जहां पर महिला का कपड़ा निकालकर उसको 25 टांके लगाए गए।