थप्पड़ विवाद पर गुरनाम चढूनी का बयान, बोले- “थप्पड़ ही आखिरी विकल्प था”

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करनाल : किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने करनाल पहुंचने पर हाल ही में अधिकारी को थप्पड़ मारने की घटना पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जब कोई अधिकारी किसानों की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करता, तो मजबूरी में सख्त कदम उठाने पड़ते हैं।

चढूनी ने कहा कि अगर छोटा अधिकारी नहीं सुनता तो बड़े अधिकारी से बात करनी चाहिए। हमने मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तक को दो-दो बार लिखकर भेजा। डीसी से भी मुलाकात की, लेकिन जब फिर भी कोई समाधान नहीं मिला तो बताओ, किसान के पास क्या चारा बचता है?

कुरुक्षेत्र में उनके खिलाफ प्रदर्शन और गिरफ्तारी की मांग पर चढूनी ने कहा ति मैंने कब कहा कि मुझे गिरफ्तार मत करो?, मैं तो उसी दिन गिरफ्तार था। वे कहते हैं आपको रख नहीं सकते, तो मैंने कहा छोड़ क्यों रहे हो? जब मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया है तो जेल भेजो, मैं जमानत नहीं करा रहा था। मुझे जबरन छोड़ा गया। चढूनी ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान न होने से हालात बिगड़ते हैं।