हरविंदर कल्याण का संदेश: विधानसभा में अनुशासन सभी पर समान रूप से लागू

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चंडीगढ़  :  हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान अक्सर स्वभाव से बिल्कुल नरम,  मृदुभाषी और शांत रहने वाले विधानसभा अध्यक्ष  हरविंदर कल्याण कई बार अनुशासन को लेकर बहुत ही सख्त नजर आते हैं।कुछ ऐसा ही नजर मौजूदा विधानसभा शीतकालीन सत्र में भी दिखाई दे रहा है।

जहां मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान  कांग्रेस विधायकों द्वारा बार-बार  वेल में आने पर अध्यक्ष द्वारा दी गई चेतावनी के बाद आखिरकार अनुशासन बनाए रखने के लिए मार्शल बुलाकर उक्त नौ विधायकों को विधानसभा से बाहर ही नहीं निकल गया। बल्कि उन्हें नेम भी कर दिया गया। इसके बाद नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा व मुख्यमंत्री नायब सैनी के हस्तक्षेप के बाद नेम किए गए कांग्रेसी विधायकों को फिर से सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने दिया गया ।ऐसे में नियमों को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करने वाले स्पीकर महोदय सभी को साथ लेकर चलने मे नरम पड़ जाते हैं।

हमेशा सुव्यवस्थित तथा शांत तरीके से अपनी बात को कहने वाले स्पीकर महोदय स्वयं दूसरे की बात को भी पुरी गंभीरता और ध्यान पूर्वक सुन उसे पूरा मान सम्मान देने की कोशिश करते हैं। अनुशासन को लेकर उनकी बानगी  विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल मे सहज ही देखी जा सकती है।  कैसे लोकतांत्रिक प्रणाली में विधानसभा अध्यक्ष सत्ता और विपक्ष दोनों  का संरक्षक माना जाता है। इसी कड़ी में उन्होंने खुद को भी अनुशासन के सांचे में इतना ढाला है कि अभी तक भाजपा के सभी राजनीतिक मंचों से  दूरी बनाई हुई है।

बल्कि किसी भी प्रकार की राजनीतिक टीका टिप्पणी भी उनके द्वारा नहीं की जाती । जबकि इससे पहले प्रदेश में चाहे किसी भी दल की सरकार सत्ता में रही हो।अमूमन यह देखने  मे आता था कि हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष राजनीतिक मंचों पर सुशोभित होते रहे हैं। उनकी यह कार्यशाली जहां उनके व्यक्तित्व को और भी बड़ा करती है। वही उनकी यह शैली अन्य राजनीतिज्ञों के लिए एक ट्रेंड साबित होगी।