चंडीगढ़: हरियाणा में महिलाएं अब केमिकल और इंजीनियरिंग से जुड़ी फैक्ट्रियों में काम कर सकेंगी। इससे महिलाओं के पास काम करने के लिए अधिक विकल्प होंगे। वहीं, पट्टे की जमीन का 4 प्रतिशत हिस्सा 60 प्रतिशत या उससे ज्यादा दिव्यांगों के लिए आरक्षित किया गया है, जिस पर वे खेती कर सकेंगे। ग्राम पंचायत अपने स्तर पर 250 एकड़ तक की भूमि के उपयोग की योजना बना सकेगी। इससे पहले यह सीमा 100 एकड़ थी। पंचायत समिति और जिला परिषद द्वारा प्लान को तय समयावधि में अनुमति नहीं दी जाती या असहमति पर ग्राम पंचायत उपयुक्त निर्णय के लिए राज्य सरकार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसले लिए गए।
कैबिनेट में हाउसिंग बोर्ड का हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में विलय करने का फैसला लिया गया है। सरकार का मानना है कि इस संशोधन का मकसद शहरी विकास और आवास संबंधी कार्यों को सुव्यवस्थित कर प्रशासनिक दोहराव को समाप्त करना है। बजट सत्र में सीएम ने हाउसिंग बोर्ड को भंग कर उसके कार्य एचएसवीपी में समाहित करने की घोषणा की थी।
अब 40 प्रतिशत उपस्थिति से पूरा होगा ग्राम सभा का कोरम
ग्राम सभाओं के नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसके अनुसार किसी भी सरकारी योजना के पात्र लाभार्थियों पर विचार और उन्हें मंजूरी देने के लिए ग्राम सभा की बैठक का कोरम ग्राम सभा के सदस्यों का 40 प्रतिशत होगा। अब तक यह 10 प्रतिशत था। हालांकि, पहली और दूसरी बैठक स्थगित होने पर इसके बाद की बैठकों में क्रमशः 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत से भी कोरम मान लिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे न केवल पंचायती राज व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी बल्कि उनकी कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा।
गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं जोखिम भरे कार्य नहीं करेंगी
प्रदेश की महिलाएं अब खतरनाक केमिकल वाली फैक्ट्रियों में भी काम कर सकेंगी। हालांकि यह भी सुनिश्चित किया गया है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं खतरनाक श्रेणी के कार्य नहीं कर सकेंगी। देय शुल्क को अब ऑनलाइन माध्यम से जमा कराने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पशुपालन के लिए पट्टे पर मिलेगी जमीन
गौ अभ्यारण स्थापित करने के मकसद से पशुपालन एवं डेयरी विभाग या हरियाणा गौसेवा आयोग को 20 वर्ष की अवधि के लिए 5100 रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से कुछ नियमों और शर्तों पर भूमि पट्टे पर देने का प्रावधान किया गया है।
अब लोकपाल सुनेंगे एचआईवी और एड्स पीड़ित लोगों की शिकायतें
कैबिनेट ने हरियाणा मानव इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 की धारा 49 की उपधारा (1) के अंतर्गत नियम बनाने को मंजूरी दी है। राज्य सरकार अपने छह प्रशासनिक प्रभागों के आयुक्तों को लोकपाल के रूप में कार्य करने के लिए नामित करेगी। ऐसे में वे एचआईवी/एड्स पीड़ित लोगों की शिकायतों का निपटारा कर सकेंगे। सरकार एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के लिए निजी अस्पतालों को शामिल करेगी। अस्पतालों को निर्देश दिया जाएगा कि वे एचआईवी पॉजिटिव मामलों की सूचना एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र या सरकारी अस्पताल को दें।
दो या अधिक बार पांच साल की सजा मिली तो माना जाएगा आदतन अपराधी
बैठक में आदतन अपराधी की परिभाषा को शामिल करने के लिए संशोधन को मंजूरी दी गई। आदतन अपराधी से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है, जिसे 5 वर्ष की सजा हुई हो। उसे एक या अधिक अपराधों के लिए 2 बार से अधिक दोषी ठहराया गया हो और कारावास की सजा सुनाई गई हो। बशर्ते कि ऊपर उल्लेखित 5 वर्ष की निरंतर अवधि की गणना करते समय, कारावास की सजा के तहत या डिटेंशन के तहत जेल में बिताई गई किसी भी अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा।
17 विभागों के 42 राज्य कानून में शामिल 164 प्रावधान अपराध मुक्त
राज्य में हरियाणा जन विश्वास अध्यादेश लागू होगा। सरकार का मानना है कि यह पहल केंद्र सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में बोझ को कम करने और छोटे अपराधों को अपराध मुक्त करने के अनुरूप है। हरियाणा में लागू होने वाले अध्यादेश से 17 विभागों के 42 राज्य कानून में शामिल 164 प्रावधान अपराध मुक्त होंगे। यह अध्यादेश छोटी तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूकों के लिए आपराधिक दंडों के स्थान पर दीवानी दंड और प्रशासनिक कार्रवाई का प्रावधान करता है।

















