जींद: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को जींद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्यों में पूरी तरह विफल रही है. उन्होंने बताया कि गांव, खेत, सड़कें और शहर सभी भारी जलभराव की चपेट में हैं. हुड्डा ने सरकार से तुरंत विशेष गिरदावरी शुरू करने और 100 प्रतिशत मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि फसलों, दुकानों और मकानों के नुकसान का जल्द आकलन कर मुआवजे का ऐलान किया जाना चाहिए. बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए सरकार को सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि लोगों को राहत मिल सके.
‘बाढ़ के लिए प्रकृति नहीं, सरकार जिम्मेदार’
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बाढ़ के हालात के लिए केवल बारिश जिम्मेदार नहीं है, बल्कि बीजेपी सरकार की घोटालेबाज़ी और निष्क्रियता ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि अमृत योजना, सफाई व्यवस्था और सीवरेज सिस्टम में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए हैं, जिसकी पुष्टि कैग रिपोर्ट में भी हुई है. सरकार ने समय रहते नहरों और सीवरेज की सफाई नहीं करवाई, जिसके कारण आज गांवों से लेकर शहरों तक पानी भर चुका है. यह सब सरकारी लापरवाही का नतीजा है, जिसकी कीमत आम जनता को भुगतनी पड़ रही है.
‘यूनिवर्सिटी में कोर्स बंद, 52% स्टाफ की सीटें खाली’
हुड्डा ने चौ. रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में कोर्स बंद किए जाने पर चिंता जताई और बताया कि आज प्रदेश के विश्वविद्यालयों में स्टाफ की 52 प्रतिशत सीटें खाली हैं. यही वजह है कि हरियाणा की कोई भी यूनिवर्सिटी पिछले छह सालों से देश की टॉप-100 यूनिवर्सिटीज़ में जगह नहीं बना पाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस यूनिवर्सिटी का निर्माण जींद और आसपास के जिलों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया था, लेकिन अब बीजेपी सरकार लगातार कोर्सिज़ बंद कर रही है, जिससे शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है.
‘अपराध और बेरोजगारी पर सरकार फेल’
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की कानून व्यवस्था और बेरोजगारी को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि हरियाणा में अपराध अपने चरम पर है और ऐसा लगता है कि सरकार नाम की कोई व्यवस्था ही नहीं है. उन्होंने कहा कि अपराधों के बढ़ने से नए निवेशक राज्य में आना नहीं चाहते, और इसका सीधा असर बेरोजगारी पर पड़ा है. हुड्डा ने कहा कि हरियाणा आज देश में बेरोजगारी के मामले में नंबर वन बन गया है, जो बीजेपी सरकार की सबसे बड़ी विफलता है. सरकार की बेलगाम नीतियां राज्य को लगातार पीछे धकेल रही हैं.
















