हरियाणा: माता भीमेश्वरी मंदिर अब श्राइन बोर्ड के तहत

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झज्जर: जिले के बेरी कस्बे में स्थित ऐतिहासिक और पुरातन आस्था का केंद्र माता भीमेश्वरी मंदिर अब आधिकारिक रूप से श्राइन बोर्ड के अधीन आ गया है. हरियाणा सरकार ने राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसकी औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके साथ ही मंदिर का पूरा संचालन, व्यवस्थापन और विकास कार्य अब व्यवस्थित तरीके से श्राइन बोर्ड संभालेगा. इस निर्णय को स्थानीय लोगों, भक्तों और सामाजिक संगठनों ने स्वागत योग्य और सकारात्मक कदम बताया है.

महाभारत कालीन इतिहास है इस मंदिर काः माता भीमेश्वरी मंदिर न सिर्फ बेरी कस्बे की पहचान है, बल्कि हरियाणा और आसपास के राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. झज्जर जिले के बेरी कस्बे में स्थित इस मंदिर का इतिहास महाभारत कालीन है. माता भीमेश्वरी देवी पांडवों की कुलदेवी माता हिंगलाज भवानी का ही स्वरूप हैं.

पांडवों की कुलदेवी है माता भीमेश्वरी देवीः कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध से पहले भगवान कृष्ण ने पाण्डु पुत्र भीम को कुलदेवी मां से विजय श्री का आशीर्वाद लेने के लिए भेजा था. मां भीम के साथ चलने को तो तैयार हो गईं, लेकिन शर्त रखी कि रास्ते में कहीं उतारना नहीं होगा. लेकिन जब भीम बेरी पहुंचे तो उन्हें लघुशंका जाने के लिए कुलदेवी की प्रतिमा को नीचे रख दिया. तभी से मां भीमेश्वरी देवी यहां विराजमान हैं. मां की पूजा अर्चना का सिलसिला महाभारत काल से ही चला आ रहा है. यहां के मंदिर को महाभारत काल में स्थापित किया गया था. पांडवों की कुलदेवी होने से साथ साथ माता भीमेश्वरी देवी बाबा श्याम की भी कुलदेवी हैं. इसलिए माता का आशीर्वाद लेने वाले भगतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है.

मंदिर पर पूरा नियंत्रण श्राइन बोर्ड के अधीन हुआः सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि श्राइन बोर्ड अब मंदिर की आय-व्यय पर नियंत्रण रखेगा और सभी विकास कार्यों की निगरानी भी करेगा. इसमें सफाई व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन, भक्तों के लिए कतार प्रणाली, पेयजल व्यवस्था, पार्किंग सुविधा, मेडिकल सहायता और सीसीटीवी निगरानी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. बोर्ड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंदिर परिसर में आने वाले हर श्रद्धालु को बेहतर, सुरक्षित और सुव्यवस्थित अनुभव मिल सके.

क्या बोले मंदिर के पुजारी: माता भीमेश्वरी देवी मंदिर के पुजारी कुलदीप का कहना है कि “सरकार ने जो फैसला लिया है, हम उसका स्वागत करते हैं. श्राइन बोर्ड के आने से मंदिर की व्यवस्था और बेहतर होगी. श्रद्धालुओं को साफ-सफाई, सुरक्षा और सुविधा के स्तर पर बड़ा फायदा मिलेगा. हमारा उद्देश्य हमेशा से ही सेवा रहा है और अब यह व्यवस्था और ज्यादा पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ेगी. हमें पूर्ण विश्वास है कि माता भीमेश्वरी का आशीर्वाद सब पर बना रहेगा.”

धार्मिक पर्यटन पर झज्जर को नई पहचानः कुल मिलाकर, माता भीमेश्वरी मंदिर को श्राइन बोर्ड के अधीन लाया जाना एक बड़ा प्रशासनिक और धार्मिक निर्णय माना जा रहा है, जिससे न केवल मंदिर की व्यवस्था सुधरेंगी बल्कि बेरी नगर और झज्जर जिले के धार्मिक पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी. श्रद्धालुओं में इस फैसले को लेकर उत्साह है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में मंदिर परिसर आधुनिक, सुरक्षित और और भी सुविधाजनक रूप में दिखाई देगा.