चंडीगढ़: हरियाणा के पुलिस को अगस्त में नया बॉस मिल जाएगा। सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए मंथन शुरू कर दिया है। वर्तमान में डीजीपी शत्रुजीत कपूर का 2 वर्ष का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो रहा है। हालांकि उनकी रिटायरमेंट में अभी 16 महीने का समय बाकी है, लेकिन सरकार अभी से डीजीपी के नाम के लिए पैनल तैयार करने में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान डीजीपी शत्रुजीत कपूर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। उनकी राष्ट्रीय जांच एजेंसी में जाने की इच्छा है।
नियमानुसार डीपीपी का कार्यकाल खत्म होने के 2 महीने पहले संघ लोक सेवा आयोग को नया पैनल भेजना जरूरी होता है। लिहाजा अब सरकार में हलचल शुरू हो गई है। वैसे तो प्रकाश सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल 2 वर्ष तय किया है, पर अधिकतम कार्यकाल के लिए सरकार के पास पूरा अधिकार सुरक्षित है। शत्रुजीत कपूर की नियुक्ति मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री काल में हुई थी। कपूर गुड बुक में रहे। आईपीएस अफसर होने के बावजूद उन्हें बिजली निगम और परिवहन विभाग में आईएएस वाले पदों पर नियुक्ति मिली।
सरकार यदि नए डीजीपी के नाम का पैनल भेजती है तो उसमें वरिष्ठता के तहत 11 आईपीएस अफसरों के नामों पर चर्चा संभावित है। इनमें मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर (1990 बैच) का नाम भी शामिल होगा। उनके अलावा 1988 बैच के मनोज कुमार यादव, 1989 बैच के मोहम्मद अकील, 1991 बैच के आलोक कुमार राय व संजीव कुमार जैन, 1992 बैच के ओपी सिंह व अजय सिंघल, 1993 बैच के आलोक मित्तल व डॉ. एएस चावला, 1994 बैच के नवदीप सिंह विर्क और उनकी पत्नी कला रामचंद्रन के नाम भी हैं।
वरिष्ठता क्रम के तौर पर पैनल में शामिल होने वालों में संजीव कुमार जैन, अजय सिंघल, आलोक मित्तल और डॉ एएस चावला में से ही किसी एक की लॉटरी निकल सकती है। इनमें से जैन और सिंघल डीजी रैंक पर हैं। जैन सितंबर, 2026 तो सिंघल अक्टूबर, 2028 में रिटायर होंगे।