हरियाणा में 1998 के बाद सबसे ज्यादा बरसा मानसून, 27 साल बाद टूटा रिकॉर्ड

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चंडीगढ़ः सितंबर का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन जून से सक्रिय मानसून की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। इस साल मानसून सीजन में रिकॉर्डतोड़ बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, एक जून से 2 सितंबर तक राज्य में 499.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है, जो सामान्य से 38% ज्यादा है। इससे पहले 1998 में पूरे मानसून सीजन (1 जून – 30 सितंबर) में 698 मिमी बारिश हुई थी, जो सामान्य से करीब 40% अधिक थी। यानी 27 साल बाद हरियाणा में मानसून जमकर बरसा है।

सितंबर में भी जारी रहेंगी बारिश की गतिविधियां

मौसम विभाग का कहना है कि सितंबर में भी बारिश का दौर जारी रहेगा, जिससे आंकड़े और ऊपर जा सकते हैं। खासकर, दक्षिण हरियाणा में अगले दो दिन बारिश की संभावना है। विभाग ने बुधवार के लिए पूरे हरियाणा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके बाद कुछ इलाकों में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी, लेकिन धीरे-धीरे मानसून कमजोर पड़ सकता है।

पिछले दस वर्षों में लगातार घट रही थी मानसून बारिश

2024: सामान्य से 5% कम

2023: 2% कम

2020: 14% कम

2018: 10% कम

लेकिन 2025 में अब तक सामान्य से 38% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो एक सकारात्मक बदलाव है।

इतिहास में सबसे अधिक बारिश 1988 में

1901 से लेकर अब तक हरियाणा में सबसे ज्यादा मानसूनी बारिश 1988 में रिकॉर्ड की गई थी। उस साल 603.3 मिमी के मुकाबले 1108.8 मिमी बारिश हुई थी। इसके बाद 1995 में 939 मिमी और 1933 में 826.9 मिमी दर्ज की गई थी। वहीं, सबसे कम बारिश 1918 में हुई थी, जब केवल 196.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य औसत 455.2 मिमी था।

इन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश

फतेहाबाद: सामान्य 463 मिमी, अब तक 535 मिमी (132% ज्यादा)

महेंद्रगढ़: सामान्य 344 मिमी, अब तक 769 मिमी (124% ज्यादा)

इन जिलों में बारिश औसत से कम रही

पंचकूला: 24% कम

अंबाला: 23% कम

क्यों हो रही है इतनी बारिश?

इस बार मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय रहे हैं। दोनों मौसमी सिस्टमों की सक्रियता के कारण बारिश की तीव्रता और अवधि दोनों बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अगले कुछ दिनों में बारिश जारी रहेगी।