भिवानी।
राष्ट्रपति भवन में आज खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खिलाड़ियों को अवॉर्ड दे रही हैं। पेरिस ओलिंपिक की डबल मेडलिस्ट मनु भाकर को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दिया गया। इसके साथ नीतू घनघस, स्वीटी बूरा, संजय कालीरावण, अभिषेक नैन, सरबजोत सिंह धर्मबीर नैन और नवदीप सिंह को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा अमन सहरावत को अर्जुन अवॉर्ड मिलेगा। हॉकी कोच संदीप सांगवान को द्रोणाचार्य अवॉर्ड मिलेगा।
पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की खेल की शुरुआत बहुत रोचक रही। जैसे मनु भाकर बॉक्सर थी, लेकिन शूटर बन गई। स्वीटी बूरा कबड्डी ट्रायल देने गई और बॉक्सर बनकर लौटीं। अमन सहरावत जैसे खिलाड़ियों ने तंगी के बावजूद ओलिंपिक में मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
मनु भाकर: पंच लगने से बॉक्सिंग छोड़ी, 4 अन्य खेल के बाद शूटिंग रास आई मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक की डबल मेडलिस्ट हैं। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला शूटर हैं। झज्जर की रहने वाली मनु के पिता रामकिशन उसे बॉक्सर बनाना चाहते थे। मनु ने बॉक्सिंग में नेशनल मेडल भी जीते, लेकिन आंख पर पंच लगने से बॉक्सिंग छोड़ दी। मनु ने फिर मार्शल आर्ट्स, आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग में हाथ आजमा मेडल भी जीते। मगर, अंत में वह शूटिंग करने लगी और इसी को करियर बना लिया।
हालांकि 2021 के टोक्यो ओलिंपिक के बाद एक वक्त ऐसा आया, जब मनु शूटिंग भी छोड़ने वाली थी। यहां वह पिस्टल खराब होने से क्वालिफाई राउंड से बाहर हो गईं। वह इतनी उदास हुईं कि मां को पिस्टल तक छिपानी पड़ी। हालांकि उसने फिर शूटिंग शुरू की और नेशनल चैंपियनशिप में वर्ल्ड नंबर वन शूटर हीना सिद्धू को हरा दिया। जिसके बाद वह ओलिंपिक तक पहुंचीं।
हिसार की स्वीटी बूरा गांव में कबड्डी खेलती थीं। पिता उसे ट्रायल के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ले गए। कोच ने उसकी फिजिक देखी और बॉक्सिंग करने को कहा। कोच से बॉक्सिंग नियम और डिफेंड की टेक्नीक सीख स्वीटी ने उन लड़कियों को हरा दिया, जो 2 साल से ट्रेनिंग कर रहीं थी। फिर स्वीटी ने वहां बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ली। 2023 में उन्होंने चीन की बॉक्सर को हरा दिया और वर्ल्ड चैंपियन बन गई। ऐसा करने वाली वह 7वीं बॉक्सर थीं। उन्होंने रोहतक के रहने वाले इंडियन कबड्डी टीम के कैप्टन रहे दीपक निवास हुड्डा से शादी की है।
भिवानी की नीतू घनघस को बॉक्सिंग का शौक 2008 में शुरू हुआ, जब बीजिंग ओलिंपिक में बॉक्सर विजेंदर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। हालांकि बेटी को बॉक्सिंग में डालना सरकारी कर्मचारी पिता जयभगवान के लिए आसान नहीं था। वह हरियाणा विधानसभा से 4 साल तक बिना वेतन के छुट्टी पर रहे। फिर नीतू को रोजाना 20 किमी गांव से भिवानी बॉक्सिंग क्लब लेकर जाते थे। नीतू तब सुर्खियों में आई, जब वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के पहले ही राउंड में उसका मुकाबला रोमानिया की स्टेलुटा से हुआ। स्टेलुटा ने महान बॉक्सर एमसी मैरी कॉम को हराया था। नीतू ने उसे हरा दिया। नीतू का लक्ष्य 2028 ओलिंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है।