हरियाणा: यमुनानगर की 70 कॉलोनियों से हटेगा अवैध का दाग, 29 साल पहले हुई गलती सुधरेगी; लोगों को होगा फायदा

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यमुनानगर। 29 वर्ष पहले शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में हुई गलती में अब सुधार होगा। नगर निगम प्रशासन की ओर से सर्वे करवाकर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी किए जाने के बाद जल्द ही रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

शहर की 70 कालोनियां ऐसी हैं जो एक शब्द की गलती का खामियाजा भुगत रही हैं। इनमें विकास की गति भी धीमी पड़ गई। यहां संपत्ति मालिक चाहकर भी डेवलपमेंट टैक्स नहीं भर पा रहे हैं। न नक्शे पास हो पा रहे हैं और न रजिस्ट्रियां।

हालांकि दो वर्ष पहले निगम प्रशासन ने इस गलती को पकड़ लिया। उसके बाद सुधार की दिशा में काम शुरू हुआ।

यह हुई चूक

दरअसल, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए वर्ष-1996 में शहर की विभिन्न कालोनियों का सर्वे किया गया था। ताकि इनको नियमित किए जाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। सर्वे कर रिपोर्ट यूएलबी को भेज दी गई।

लेकिन जब यूएलबी की ओर से नोटिफिकेशन जारी हुआ तो पोर्टल पर कालोनी को अप्रूव्ड लिखने की बजाय बिल्डिंग को अप्रूव्ड लिख दिया गया।

यह शाब्दिक गलती होने के कारण ये कालोनियां अनप्रूव्ड की श्रेणी में रह गई। इन कालोनियों में प्रोफेसर कालोनी पार्ट का टू का कुछ हिस्सा, छोटा माडल टाउन व लालद्वारा रोड के पास कालोनी सहित शहर की 70 से अधिक कालोनियां शामिल हैं।

काफी कालोनियां ऐसी हैं जिनका कुछ हिस्सा अप्रूव्ड है और कुछ अनप्रूव्ड रह गया। कालोनीवासियों काे यह आ रही दिक्कत कालोनी का जो हिस्सा अनप्रूव्ड रह गया है, उनमें गलियों-नालियों का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

विकास कार्य नहीं हो पा रहे थे

यदि कोई संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति को बेचना या फिर कोई यहां संपत्ति खरीदना चाहे तो रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही हैं। पोर्टल पर डेवलपमेंट टैक्स भरने का विकल्प नहीं आ रहा है। बिना डेवलपमेंट टैक्स भरे एनडीसी नहीं मिल पा रही है। न ही यहां नक्शे पास हो रहे हैं।

कई कालोनियों में सीवरेज व पानी की सुविधा तो मिल गई, लेकिन गलियों व नालियों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। हाउस की बैठक में उठ चुका मुद्दा बीते माह हुई हाउस की बैठक में यह मुद्दा उठ चुका है।

पार्षदों का कहना था कि ऐसी कालोनियों की संख्या कम नहीं है जो काफी पुरानी बसी हैं। लेकिन पोर्टल पर इनको आज भी अवैध दिखाया जा रहा है। जिसके कारण विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।

अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे सवाल

शहर की प्रोफेसर कॉलोनी व छोटा माडल टाउन जैसे पाश एरिया को भी पोर्टल पर अवैध दिखाया गया है। इस पर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने भी जल्द संज्ञान लेने की बात कही थी।

जल्द हो त्रुटि दूर पूर्व पार्षद व प्रापर्टी डीलर्स एसोसिशन के प्रधान विनोद मरवाह का कहना है कि वर्ष-1996 से पोर्टल पर एक गलती का खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं।

हद इस बात की है कि आज तक अधिकारियों ने इस दिशा में ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। तत्कालीन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

अधिकारी इस गलती को पकड़ नहीं पाए। जबकि शहरवासी लगातार शिकायत करते रहे हैं। इस गलती का खामियाजा इन कालोनियों में रह रहे लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यूएलबी इस पर जल्द निर्णय ले और कालोनियों में सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाएं।

शहरवासियों की इस समस्या का समाधान जल्द हो जाएगा। इन कालोनियों का सर्वे पूरा हो चुका है। जल्द ही रिपोर्ट बनाकर शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेज दी जाएगी।