फरीदाबाद। ऑपरेशन सिंदूर में हमारे हरियाणा के लाल सिद्धांत सिंह ने भी वीरता के जौहर दिखाए थे। पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के लिए जो लड़ाकू विमान गए थे, उनमें पायलट के रूप में स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह शामिल थे।
सिद्धांत सिंह मूल रूप से पलवल के फिरोजपुर गांव के मूल निवासी और एयरफोर्स में रहे धर्मवीर सिंह के होनहार जांबाज पुत्र हैं। अब बल्लभगढ़ के सेक्टर-65 में आर्यमन सोसायटी में रहने वाले स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह को इस बहादुरी के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
सिद्धांत सिंह इन दिनों ग्वालियर में तैनात हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में सिद्धांत के गौरवान्वित पिता धर्मवीर सिंह ने बताया कि जब पहलगाम में आतंकवादी घटना हुई थी, उस समय सिद्धांत छुट्टियों पर घर आए थे।
अगले दिन 23 अप्रैल को ही एयरफोर्स से बेटे को संदेश आ गया कि ड्यूटी ज्वाइन करो। बेटे ने शीघ्र जाने की तैयारी शुरू कर दी। उसी समय यह अनुमान तो लग गया था कि अब कुछ बड़ा होने वाला है। सिद्धांत को लड़ाकू विमान उड़ा कर आपरेशन सिंदूर में भाग लेना है, यह जानकारी परिवार को देने की मनाही थी।
बेटा जब एयरफोर्स अपनी ड्यूटी पर पहुंच गया तो उसने फोन करके यही बताया था कि वह ड्यूटी पर हैं और ठीक हैं, बाकी बाद में बात करेंगे। इसके बाद आपरेशन सिंदूर शुरू हो गया तो बेटे से कोई बात नहीं हो पाई।
इधर जब टीवी चैनलों, अखबारों के माध्यम से यह जानकारी मिल रही थी कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुस कर आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया है, तो एक फौजी होने के नाते मस्तक गर्व से ऊंचा हो रहा था और सीना चौड़ा।
तब भी हमें यह जानकारी नहीं थी कि जिन लड़ाकू विमानों ने यह कमाल किया है, उनमें से एक को हमारा बेटा उड़ा रहा है। जब सीजफायर हो गया और सब कुछ सामान्य होने लगा तब हम सबको यह जानकारी मिली।
धर्मवीर सिंह स्वयं एयरफोर्स से वारंट अफसर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। धर्मवीर सिंह और सिद्धांत की माता भुवनेश्वरी के अनुसार उनके लिए सेना में तैनात सभी वीर जवान बेटे जैसे हैं। हमें भारतीय सेना पर गर्व है और पहलगाम के हमले के दोषियों को जो सजा दी गई है और पाकिस्तान को जो सब सिखाया गया है, उसे लंबे समय तक याद रहेगा।
हम सब देशवासियों के लिए यह गर्व की बात है। हमें बेटे पर भी गर्व है। भुवनेश्वरी देवी ने कहा कि सिद्धांत ने एक बहादुर सेना अधिकारी होने के संस्कार अपने पिता से हासिल किए हैं। धर्मवीर सिंह-भुवनेश्वरी के दूसरे बेटे कनिष्क बीटेक की पढ़ाई पूरी कर इन दिनों कनाडा में हैं।
धर्मवीर सिंह ने कहा कि बेटे को वीर चक्र मिलेगा, इस सूचना से हम सब बेहद खुश हैं। पिछले दिनों स्वतंत्रता दिवस पर भी सिद्धांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लाल किले के मुख्य मंच पर ऑपरेशन सिंदूर में शामिल होने वाले सभी नौ पायलट के साथ बैठ मंच साझा करने का अवसर मिला था। यह पल भी हमारे लिए बेहद गौरवमयी थे। अब आठ अक्टूबर को एयरफोर्स दिवस पर सिद्धांत को सम्मानित किया जाएगा। सिद्धांत को प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी बधाई दी है।