कच्ची ढाणी में हरियाणवी जायका, सरसों के साग और बाजरे की रोटी ने जीता दिल

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भिवानी। शहर के बाल भवन वाटिका में आयोजित चार दिवसीय स्वदेशी मेले का रविवार को समापन हुआ। मेले के दौरान हरियाणवी कच्ची ढाणी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही जहां आगंतुकों ने सरसों का साग और बाजरे की रोटी का पारंपरिक स्वाद चखा। मिट्टी के लेप से तैयार इस कच्ची ढाणी के माध्यम से ग्रामीण संस्कृति से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया गया।

कच्ची ढाणी में गांवों की तरह खाटें बिछाकर देशी भोजन परोसा गया। साथ ही पास में ही कच्ची रसोई स्थापित की गई, जहां मिट्टी के चूल्हों पर गांव की महिलाओं ने बाजरा और मक्का की रोटियां तैयार कीं। भोजन पकाने में देशी घी का प्रयोग किया गया और परोसने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल किया गया। यहां आगंतुकों को बाजरे की रोटी, मक्का की रोटी, सरसों का साग, कढ़ी, लहसुन की चटनी, बिलोना घी व शक्कर तथा लस्सी परोसी गई। पारंपरिक थाली का यह स्वाद लोगों को 200 रुपये प्रति थाली के हिसाब से उपलब्ध कराया गया। मेले में पहुंचे लोगों ने हरियाणवी ग्रामीण जीवनशैली और देसी स्वाद का भरपूर आनंद लिया।