चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रियल एस्टेट कारोबारी और पूर्व कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छोक्कर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। माहिरा ग्रुप से जुड़े कथित मनी लॉन्डिंग मामले में गिरफ्तार छोक्कर ने दलील दी थी कि प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने उन्हें गैर कानूनी तरीके से दिल्ली के एक होटल से पकड़ा और उनके साथ मारपीट भी की। लेकिन अदालत ने इन दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने कहा कि छोक्कर की गिरफ्तारी धारा 19, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डिंग एक्ट के तहत विधिवत रूप से की गई है। कोर्ट ने माना कि गिरफ्तारी से पहले ई. डी. अधिकारियों ने ग्राउंड्स आफ अरेस्ट और रीजन्स टू बिलीव लिखित रूप में दर्ज किए और आवश्यक दस्तावेज आरोपी को सौंपे।
इसके अलावा, गिरफ्तारी के आदेश और संबंधित मैमो को विशेष न्यायाधीश को भी अग्रेषित किया गया। ई.डी. की ओर से अदालत को बताया गया कि माहिरा इंफ्राटैक और अन्य कंपनियों के माध्यम से छोक्कर व उनके परिवार ने लगभग 363 करोड़ रुपए घर खरीदारों से वसूले, जिन्हें प्रोजैक्ट निर्माण में लगाने की बजाय व्यक्तिगत खचों, संपत्तियों की खरीद और अन्य कार्यों में मोड़ दिया गया। जब घर खरीदारों को समय पर फ्लैट नहीं मिले तो कई एफ. आई. आर. दर्ज हुई। इन्हीं एफ.आई.आर. को आधार बनाकर ई.डी. ने वर्ष 2021 में जांच शुरू की।
ई.डी. ने यह भी दलील दी कि छोक्कर और उनके बेटे बार-बार सम्मन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उनके खिलाफ कई बार गैर-जमानती वारंट जारी किए गए, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो पाई। इसी आधार पर छोक्कर को 4 मई, 2025 की रात दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि छोक्कर की गिरफ्तारी में कानूनी प्रावधान का पालन किया गया है और इसमें किसी तरह की प्रक्रिया संबंधी त्रुटि नहीं पाई गई। अंतत हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने धर्म सिंह द्वारा नियमित जमानत की मांग खारिज करते हुए कहा कि पहले सैशन कोर्ट में जाने के बाद ही हाईकोर्ट का रुख किया जा सकता।