गुड़गांव के पीजी में फंदे पर लटकी मिली हिमाचल की युवती, परिजनों ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप

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गुड़गांव: सेक्टर-14 थाना एरिया के गोपाल नगर के एक पीजी में रहने वाली युवती का शव कमरे में फंदे से लटका मिला है। युवती मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के जवालामुखी जिले की रहने वाली थी और गुड़गांव में एक कंपनी में नौकरी कर रही थी। यहां पीजी में दो अन्य युवतियो के साथ रहती थी। 26 जून को युवती का शव पंखे से लटका मिला है। वहीं, गुड़गांव पहुंचे परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई करने की बजाय खानापूर्ति कर किसी भी हाल में केस को बंद करना चाहती है। परिजनों का कहना है कि मृतक निकिता को न तो कोई परेशानी थी और न ही कोई ऐसी दिक्कत कि उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़े। वहीं, पुलिस ने सूचना मिलने के करीब 16 घंटे बाद शव को फंदे से नीचे उतारा। जब परिजन गुड़गांव पहुंचे तो उन्हें पुलिस ने भी काफी गुमराह किया।

मृतक निकिता (22) की बहन शालू ने बताया कि निकिता गुड़गांव की एक कंपनी में रहती थी। 26 जून की सुबह भी उनकी अपनी बहन निकिता से बात हुई है, लेकिन उसे ऐसा कुछ नहीं लगा कि निकिता को कोई दिक्कत हो। वह नौकरी करने के साथ ही पढ़ाई भी कर रही थी और वह एक सफल बिजनेस वीमेन बनना चाहती थी। उन्होंने बताया कि सुबह फोन पर बात होने के बाद उनकी दोपहर तक व्हाट्सएप पर भी बात हुई है, लेकिन उसके बाद निकिता से कोई बात नहीं हुई। रात को उन्हें पुलिस से सूचना मिली कि निकिता ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस पर उन्होंने निकिता की रूम मेट से भी फोन पर बात की। शालू ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ तुरंत ही गुड़गांव के लिए निकल पड़े। 27 जून की सुबह जब गुड़गांव पहुंचे तो यहां पुलिस से संपर्क किया।

शालू ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उन्होंने निकिता के शव के बारे में पुलिस से पूछा तो सुबह पुलिस ने शव मोर्चरी में रखे होने की बात कही और दोपहर तक परेशान करती रही। दोपहर को पुलिस उन्हें पीजी ले गई जहां निकिता का शव पंखे से लटका हुआ था। पुलिस ने शव को परिजनों के सामने पंखे से उतारा और मोर्चरी भिजवाया। देर शाम होने के कारण शव का कल पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पुलिसकर्मी उनसे बार-बार शिकायत बदलवा रहे थे। उन्होंने कहा कि घटना के बाद एक बार तो उनकी निकिता की रूममेट से बात हुई, लेकिन उसके बाद से दोनों रूममेट पीजी छोड़कर चली गई।

उन्होंने बताया कि मामले में उन्होंने पुलिस को निष्पक्ष जांच कर निकिता के इस कदम को उठाने का कारण जानने के लिए कहा, लेकिन पुलिसकर्मी उन्हें सीधे तौर पर यह केस बंद करने का दबाव बना रहे हैं। आरोप है कि पुलिस न तो निकिता का मोबाइल जांच कर उसकी कॉल डिटेल खंगाला चाह रही है और न ही इस मामले में रूममेट अथवा अन्य किसी व्यक्ति से पूछताछ करना चाह रही है। उन्होंने शक जताया कि हो सकता है कि निकिता के साथ कोई ऐसी घटना हुई हो जिसके कारण निकिता ने यह खौफनाक कदम उठाया। परिजनों ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।