स्कूल में मिला हिमालयन उल्लू, पंखों पर टेप; दिवाली से पहले होने वाली थी बलि

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सफेद उल्लू को लेकर अलग-अलग तरह की मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि अगर यह रात की समय दिख जाए तो मां लक्ष्मी की कृपा हो जाती है. दिपावाली के समय तो इसका महत्व 10 गुना बढ़ जाता है, लेकिन एक तरफ ये उल्लू तांत्रिकों के निशाने पर रहते हैं तो कई लोग इसे पैसा कमाने के चक्कर में पड़क लेते हैं और लाखों रुपयो में बेच देते हैं. अब मध्य प्रदेश के सागर के शास्त्री नगर में एक दुर्लभ सफेद उल्लू मिला है, जिसे हिमालयन वुड आउल प्रजाति का बताया जा रहा है.

इसे किसी शख्स ने बंधक बनाया हुआ था. उसने उल्लू के पंखों पर गोंद और टेप लगाकर चिपका दिया था, जिससे की उल्लू उड़ न पाए. बताया जा रहा है कि ये शख्स उल्लू का इस्तेमाल तांत्रिक क्रिया करने या फिर इसे बेचने की फिराक में था. इस उल्लू को वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने अत्यंत दुर्लभ प्रजाति का बताया है, जो हिमालय से लेकर कोरिया और ताइवान तक पाए जाते हैं.

स्कूल परिसर में मिला था सफेद उल्लू

एक शख्स ने उसे दीपावली पर बलि देने के इरादे से कैद किया हुआ था. हालांकि, गनीमत रही कि उसकी मंशा पूरी होने से पहले ही वन विभाग की टीम ने इस सफेद उल्लू को बचा लिया. इस उल्लू के बारे में तब पता चला, तब शास्त्री नगर में एक सरकारी स्कूल के टीचर ने उसे देखा. टीचर ने स्कूल के परिसर में ही उल्लू को पड़े हुए देखा तो वह हैरान रह गए. उन्होंने देखा कि उल्लू दर्द से कराह रहा था.

दोनों पंखों को चिपका दिया गया था

टीचर ने देखा कि वह उड़ने की कोशिश तो कर रहा था, लेकिन उड़ नहीं पा रहा था. क्योंकि उसके दोनों पंखों को चिपका दिया गया था. इसके बाद टीचर ने उल्लू की जानकारी बर्ड लवर और रेस्क्यूअर शैलेंद्र जैन को दी और स्कूल में बुलाया.इसके बाद उल्लू का रेस्क्यू किया गया. शैलेंद्र जैन उल्लू की देखभाल करने लगे. उन्होंने पानी, साबुन और शैम्पू से उल्लू के पंख साफ करने की कोशिश की, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और पंख चिपके रहे. फिर उन्होंने केरोसिन का इस्तेमाल किया.

उल्लू को जंगल में छोड़ दिया गया

इसके बाद उल्लू के पंख खुले और धीरे-धीरे तीन दिन में वह ठीक हो गया. तीन दिन के बाद उल्लू को फिर से जंगल में छोड़ दिया गया. इस उल्लू को लेकर जूलॉजिस्ट डॉ. मनीष जैन ने बताया कि इस तरह के पक्षी मध्य प्रदेश या बुंदेलखंड की जलवायु में नहीं पाए जाते. ऐसे में हो सकता है कि वन्य जीव तस्कर इसे लेकर आए हो. सफेद उल्लू को परंपरागत मान्यताओं में मां लक्ष्मी की सवारी माना जाता है.