पर्यावरण का अभिप्राय अपने चारों ओर के आवरण से है जो हमें कुदरत ने दिया है लेकिन अपनी अनिश्चितकालीन जरुरतों को पूरा करने के लिए हम लगातार पर्यावरण का शोषण कर रहे है। हमने अपने कर्मों से प्रकृति को प्रदूषित किया है। आज का समय विज्ञान का है, पूरी पृथ्वी मेरा घर है। हमें विज्ञान के साथ-साथ शिक्षित होकर पर्यावरण के प्रति जागरुक होना अति आवश्यक है।
यह उद्गार आदर्श महिला महाविद्यालय में ’महिला प्रकोष्ठ’ “नवज्योति” द्वारा आयोजित विस्तार व्याख्यान में डाॅ0 विभा भारद्वाज, “डायरेक्टर एनवायरमेंट लैबोरेट्रीज” ने कहे। विस्तार व्याख्यान का विषय महिला, शिक्षा और पर्यावरण रहा। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं को माइक्रो आॅरगैनिज्म की विस्तृत जानकारी दी। अपने अभुतपूर्व अनुभवों को छात्राओं के साथ सांझा करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरी के पीछे न भागे, अपितु जो जीवन आपको मिला है, उसमें कुछ अलग करके अपने बलबूते पर अपना व अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। उन्होंने यह भी कहा कि केवल वित्तिय संतुष्टि ही उचित नहीं होती, अपितु आत्मिक संतुष्टि का होना अति आवश्यक है। उन्होंने महाविद्यालय की विज्ञान संकाय की छात्राओं के साथ निजी मुलाकात की ओर उन्हें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया। छात्राओं को प्रेशर कूकर, पाॅलिथिन व थर्मोप्लास्टिक का प्रयोग न करने के लिए प्रेरित किया। इनसे होने वाले विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में भी छात्राओं को जानकारी दी।
लगल पाॅलिथिन पर कर रही शोध को भी छात्राओं के साथ सांझा किया। छात्राओं को कहा कि ज्ञान को किताबों तक सीमित न रखें अपितु अत्यधिक शोधकार्यों में रूचि लें। जिसके लिए उन्होंने विदेशों से मिलने वाली विभिन्न प्रकार की स्काॅलरशिप के बारे में भी बताया। शिक्षा एवं भाषायी ज्ञान को अपनाने के लिए भी छात्राओं को प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी कहा कि मानवता के लिए जियें शिक्षा, समाज व स्वास्थ्य के लिए स्वयं जागरुक बनकर अन्य को भी जागरुक करें। इस अवसर पर प्रबंधकारिणी समिति के महासचिव अशोक बुवानीवाला ने हवा के खराब सूचकांक को छात्राओं के साथ सांझा करते हुए बताया कि इसी प्रदूषित पर्यावरण के कारण हमारी आयु छोटी होती जा रही है। हमें इसके प्रति जागरुक होना नितांत आवश्यक है। हमें पाॅलिथिन का प्रयोग कम-से-कम करना चाहिए। यह हमारे लिए जहर के बराबर है। उन्होंने डाॅ0 विभा भारद्वाज का स्वागत व अभिनंदन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्राचार्या श्रीमती रचना अरोड़ा ने छात्राओं को व्याख्यान के माध्यम से मिली जानकारी को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करने को कहा। वेस्ट मैटिरियल का प्रबंधन, आॅर्गेनिक खाद का उपयोग करने व रि-यूजेबल प्लास्टिक को उपयोग में लाने पर बल दिया। छात्राओं से अपील की वह मेहनत करके आगे बढ़े व अंधेरे से उजाले की तरफ आए। कार्यक्रम का आयोजन “महिला प्रकोष्ठ नवज्योति” की संयोजिका डाॅ0 अपर्णा बत्रा द्वारा किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए महिला एवं प्रकृति का नैसर्गिक संयोग बताते हुए स्त्री शिक्षा व पर्यावरण के बारे में बताया।
इस अवसर पर महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता का विषय- महिला सशक्तिकरण सपना: हकीकत रहा। जिसमें निबंध लेखन प्रतियोगिता में किरण प्रथम, मुस्कान द्वितीय, खुशी तृतीय व प्रोत्साहन पुरस्कार सारिका को मिला।
श्लोगन लेखन प्रतियोगिता में दीक्षा प्रथम, सन्जु द्वितीय, पायल तृतीय व प्रोत्साहन पुरस्कार तमन्ना को मिला।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में स्नेह को प्रथम, श्वेता को द्वितीय, सोनल को तृतीय व लक्षिता को प्रोत्साहन पुरस्कार मिला।
इस अवसर पर अभिव्यक्ति का उत्सव कार्यक्रम में मौखिक व लिखित प्रतियोगिता में अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने वाली तीन-तीन छात्राओं को भी पुरस्कृत किया। मौखिक प्रतियोगिता में विशाखा, उर्वशी सिंह तंवर व आंचल सरदाना को व लिखित प्रतियोगिता में खुशबू राजपूत, शिवानी तंवर व मनीषा को पुरस्कृत किया।
इस प्रतियोगिता में छात्राओं को 3100/-रूपये प्रति छात्रा महाविद्यालय की तरफ से नकद पुरस्कार दिया गया।
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