हिसार में सैकड़ों एकड़ खेतों में भरा बारिश का पानी, फसलें बर्बाद होने के बाद अब बिजाई में दिक्कत

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हिसारः हरियाणा में तेजी से विकास हुआ है. कई इलाके में शानदार सड़कें बनी हैं. लेकिन निर्माण डिजाइन में हुई चूक के कारण सड़कों के आसपास के इलाके में लगी हजारों एकड़ जमीन बारिश के कारण डूब जा रही है. नतीजा बारिश शुरू होते ही खेतों में लगी फसल डूब जाती है. दूसरी ओर लंबे समय तक जलजमाव के कारण आगामी फसल की बिजाई समय पर नहीं हो पाती है. कई इलाके में एक पूरा सीजन खेत सूखने में लग जाता है. ऐसा ही एक इलाका है हिसार जिले का बरवाला और आसपास के दर्जनों गांव, जहां खेतों में 2-3 फीट पानी भरा हुआ है.

जल्द से जल्द जल निकासी की समस्या का समाधान होः स्थानीय किसान सतबीर ने बताया कि “बरवाला के गावों में बाढ़ का पानी अभी तक भरा हुआ है, जिस कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है. दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. हमारा हरियाणा सरकार के मंत्रियों, विधायकों, और प्रशासन से मांग है कि खेतों से पानी निकासी का उचित इंतजाम किया जाए. ताकि हम लोग जल्द से जल्द खेतों में फसल बिजाई कर सकें.”

बर्बाद फसलों के लिए नहीं मिला मुआवजाः स्थानीय किसान सुभाष, रमेश, हरीश, सुरेंद्र, सतबीर, रोशन ने बताया कि “हजारों एकड़ में पानी भरा हुआ है. खेतों में दो से तीन फुट पानी भरा हुआ है.” किसान रमेश कुमार ने बताया कि “शिकारपुर के खेतों में दो से ढाई फीट पानी भरा हुआ है. धांसू गांव में खेतों में दो से ढाई फुट पानी भरा हुआ है, जिसके कारण जीरी कपास की फसल बर्बाद हो गई है.” उन्होंने बताया कि “एक तो किसान ने ठेका पर खेत ले रखा है. उसकी अनुमानित लागत तीस हजार रुपये आती है. पानी न निकलने से नुकसान हुआ है और आने वाली फसलों को नुकसान हो गया है. उन्होने खेतो में पानी भरा था, लेकिन आज तक सरकार की ओर से मुआवजा नहीं मिला है.”
पानी निकालने के लिए कोई सुध नहीं ले रहा: कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष सुभाष वर्मा ने कहा कि जिले में बाढ़ का पानी अभी भी भरा हुआ है. जिस कारण किसानों के हालत खराब हो गए हैं. उन्होने कहा कि “किसानों को अभी तक सरकार से कोई मुआवजा नहीं मिला है.” उन्होने कहा कि “नलवा बरवाल हांसी के खेतों में पानी भरा हुआ है. पानी निकालने के लिए कोई सुध नहीं ले रहा है. किसानों की फसल पानी के कारण तबाह हो गई है. किसान की जीरी और कपास की फसल खराब हुई है. अगली फसल की बुवाई के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है.”

प्रति एकड़ा पचास हजार मुआवजे की मांगः सुभाष वर्मा ने कहा कि एनएचए पर खेतों में अभी दो-दो फुट पानी भरा हुआ है. बरवाला के कई अन्य गांव में अभी भी दो से लेकर ढाई फीट पानी भरा हुआ है. सरकार से मांग कि किसानों को प्रति एकड़ पचास हजार मुआवजा दिया और पानी निकासी के प्रबंध किए जाएं.