‘दादरी में सुरक्षित रहना है तो बदमाशों व पुलिस से करनी पड़ेगी सेटिंग’, अधिवक्ता संजीव तक्षक का सिस्टम पर हमला

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चरखी दादरी: चरखी दादरी में बीते दिनों हुई गैंगवार में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में सामाजिक संगठनों के साथ-साथ अधिवक्ता भी सामने आए हैं। अधिवक्ता संजीव तक्षक का कहना है कि दादरी जिले में यदि आपको सुरक्षित रहना है तो बदमाशों व पुलिस से सेटिंग करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा, “यहां हालात इतने खराब हैं कि आपने वह कहावत जरूर सुनी होगी‘अगर बकरी को जंगल में शेर ने खा लिया तो बकरी पर दोष मत लगाओ कि वह जंगल में घूमने गई।’ ठीक ऐसे ही हालात चरखी दादरी के हैं।”

हालांकि पुलिस ने दादरी को ‘नंबर वन नशा मुक्त जिला’ घोषित किया है, लेकिन यहां नशे से जुड़ी वारदातें रोजाना बढ़ती जा रही हैं। अधिवक्ता आरोप लगाते हैं कि जिले में फल-फूल रहे अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं है क्योंकि उन्हें समाज के प्रमुख लोगों से संरक्षण मिलता है। नशे के कारोबार में पुलिस दोनों तरफ से लाभान्वित हो रही है और अपराधियों के साथ मिलीभगत कर रही है। अधिवक्ताओं ने पुलिस महानिदेशक और हरियाणा सरकार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दादरी के बिगड़ते हालात पर चिंता जताई है और अपनी सुरक्षा की मांग की है।

अधिवक्ताओं का मानना है कि यदि समाज के लोग उनके साथ खड़े हों, तो दादरी के हालात बदले जा सकते हैं। उन्होंने प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व पर भी सवाल उठाए हैं कि वे भ्रष्टाचार को कैसे बढ़ने दे रहे हैं और जनता की सेवा की बजाय किस तरह स्वार्थ पूरा कर रहे हैं। दादरी जिले में विपक्ष का नामोनिशान नहीं है। 36 विधानसभा क्षेत्रों में से 35 के विधायक पहले चुन लिए जाएं, तभी जनता की सेवा की उम्मीद की जा सकती है। वर्तमान में हालात बहुत नाजुक हैं और बदलाव के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।