चंडीगढ़: हरियाणा में सरकार की ओर से बीपीएल परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया जा रहा है, लेकिन योजना शुरू होने के 1 साल बाद भी 46 लाख बीपीएल परिवारों में से मात्र 17 लाख ने सस्ते गैस सिलेंडर के लिए आवेदन किया है। रजिस्ट्रेशन की कम गिनती ने सरकार को भी चौंका दिया है। सरकार को शक है कि सरकारी स्कीमों के चक्कर में खुद को इढछ बताने वाले जानबूझकर आवेदन नहीं कर रहे।
बता दें कि हरियाणा खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फर्जी कार्डों के मामले सामने आने के बाद अब रजिस्ट्रेशन करवाने वाले गैस सिलेंडर के आवेदकों की इंटरनल जांच कराई जा रही है। विभाग ये पता करने की कोशिश कर रहा है कि जिन लोगों ने सस्ते गैस सिलेंडर के लिए अप्लाई किया है, क्या वो सही बीपीएल लाभार्थी हैं। इस जांच में करीब 2 लाख लोग अभी भी संदेह के घेरे में हैं।
इसकी वजह ये है कि सस्ता सिलेंडर देने से पहले खाद्य आपूर्ति विभाग ने भी अपने स्तर पर इनकी वेरिफिकेशन शुरू कर दी है। ऐसे में फर्जी बीपीएल परिवारों को जांच में फंसने का डर है। इसकी जानकारी मिलने के बाद राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने आवेदन करने वालों की भी जांच बिठा दी है। उनका कहना है कि कम रजिस्ट्रेशन के पीछे की वजह ये भी हो सकती है कि अब सिर्फ असली बीपीएल परिवार ही आवेदन कर रहे हैं।
हरियाणा में सरकार ने बीपीएल परिवार के लिए 1.80 लाख आय सीमा रखी है। इससे पहले 1.20 लाख रुपए की वार्षिक आय वालों को बीपीएल श्रेणी में शामिल किया जाता था, लेकिन आय सीमा के बढ़ने से प्रदेश में बीपीएल कार्डधारकों की संख्या बढ़ गई। लाखों की संख्या में लोगों ने अपना आय संबंधी गलत ब्योरा भरा। इसके बाद सरकार ने अब इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले 4 महीने में ही फर्जी मिलने पर 6.36 लाख बीपीएल राशन कार्ड काट दिए गए हैं।