समाज में नफरत और घृणा फैलाने का इरादा… सावरकर पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ यूपी सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

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लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वीर सावरकर पर दिए आपत्तिजनक बयान मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है. आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा, राहुल गांधी ने निचली अदालत की ओर से जारी समन पर रोक नहीं लगाने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

राज्य सरकार की तरफ से हलफनामे में कहा गया कि सभी आरोपों की पुष्टि जांच से होती है, जो पूर्व नियोजित कार्यों के माध्यम से जानबूझकर नफरत फैलाने का संकेत देते हैं, जो अपराध की श्रेणी में आते हैं. यूपी सरकार शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडे के इस तर्क से सहमत हैं कि राहुल गांधी के कार्य समाज में नफरत और घृणा फैलाने के इरादे से किए गए थे.

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि समन और कार्यवाही रद्द न करें. जांच में समर्थित आरोप पूर्व नियोजित कार्यों के माध्यम से जानबूझकर नफरत फैलाने का संकेत देते हैं, जो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने की श्रेणी में आता है.

राहुल ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख

राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर दिए आपत्तिजनक बयान के मामले में राहत के लिए SC का रुख किया है. याचिका में राहुल गांधी ने लखनऊ की निचली अदालत की ओर से जारी समन और वहां चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है.

क्या है पूरा मामला?

राहुल गांधी की तरफ से साल 2022 में भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई थी. इस दौरान राहुल ने सेना समेत वीर सावरकर पर बयान दिया था. राहुल ने महाराष्ट्र में वीर सावरकर को अंग्रेजों का नौकर बताया था. इसके साथ ही दावा किया था कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे. राहुल के इस बयान के बाद खूब घमासान मचा था.

इस बयान पर वकील नृपेंद्र पांडे ने निचली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद कोर्ट की तरफ से राहुल को समन जारी किया गया था. राहुल ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बयान के लिए फटकार लगाई थी. इसके साथ ही समन पर अंतरिम लोग लगा दी थी.