इजरायल-ईरान युद्ध से जगाधरी के बर्तन बाजार पर संकट, 80 करोड़ के नुकसान की आशंका

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यमुनानगर। जगाधरी में बने बर्तन अपनी क्वालिटी के लिए देश के साथ ही विदेशों में मशहूर हैं। यहां पर बने पीतल, स्टील व एल्यूमिनियम के बर्तन देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। मगर इजरायल व ईरान युद्ध के चलते इन दिनों जगाधरी के बर्तन बाजार पर मंदी का संकट गहराने लगा है।

कारोबारियों को अंदेशा है कि इस लड़ाई से शहर के कारोबार पर 80 करोड़ से अधिक का घाटा हो सकता है। इजराइल-ईरान के बीच टकराव से जगाधरी की मेटल इंडस्ट्रीज के निर्यातक चिंतित है। दोनों देशों के बीच संघर्ष लंबा चला तो 80 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो सकता है।

कटलरी व रेस्टोरेंट में प्रयोग होने वाली वस्तुओं समेत कई उत्पाद जगाधरी से इजरायल को निर्यात किए जाते हैं। मेटल इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों का कहना है कि पुराने प्रतिबंधों के कारण ईरान भारत से सीधे व्यापार नहीं करता, लेकिन मिडिल ईस्ट के जरिये सामान खरीदता है। जिले में 200 निर्यात इकाइयां हैं। इनमें से 100 निर्यातकों का कारोबार इजरायल से होता है। एल्युमिनियन व पीतल के उत्पाद वहां पसंद किए जाते हैं।

इतनी यूनिट हैं जगाधरी में बर्तन बनाने की

जगाधरी में एक हजार बड़ी, छोटी व मध्यम वर्गीय बर्तन फैक्ट्रियां हैं। इसमें कुछ लोग घरों से ही फैक्ट्रियां संचालित कर रहे हैं। 500 स्टील के बर्तन बनाने की फैक्ट्री, 120 एल्यूमिनियम के बर्तन बनाने की इकाईयां 224 पीतल के बर्तन बनाने वाली फैक्ट्रियां और 100 बर्तन ढ़लाई करने की फैक्ट्रियां हैं।

प्रभावित हो सकते हैं ऑर्डर

हमले नहीं रुके तो सितंबर तक जाने वाले माल व दिसंबर-जनवरी के लिए मिलने वाले आर्डर प्रभावित होंगे। युद्ध की स्थिति में वहां के कारोबारी यह सामान खरीदना नहीं चाहेंगे। मिडिल ईस्ट के अन्य देशों के जरिये ईरान तक जाने वाले उत्पादों में गोल्ड व सिल्वर प्लेटिंग वाली तस्तरी, बाउल, आयतें, सजावट के अन्य सामान शामिल हैं।