कैथल के लांस नायक नरेंद्र सिंधु को दी गई आखिरी विदाई, अंतिम यात्रा में तिरंगा लेकर उमड़ा जनसैलाब

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कैथल : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए कैथल के लांसनायक नरेंद्र सिंधु का राजकीय सम्मान के साथ आज अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा. नरेंद्र सिंधु के छोटे भाई के अमेरिका में होने की वजह से चचेरे भाई अंकित ने उन्हें मुखाग्नि दी.

अंतिम यात्रा में लोग तिरंगा लेकर निकले

बुधवार सुबह नरेंद्र सिंधु का शव पैतृक गांव रोहेड़ा पहुंचा था, जिसके बाद लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए. इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें काफी संख्या में लोग तिरंगा लेकर निकले.

कौन है नरेंद्र सिंधु ? 
नरेंद्र सिंधु का जन्म 5 अक्टूबर 1996 को रोहेड़ा गांव में हुआ था. उन्होंनें 12वीं तक की पढ़ाई गांव के एक प्राइवेट स्कूल से की थी. नरेंद्र के पिता दलबीर सिंह किसान हैं, वहीं उनकी मां रोशनी देवी गृहिणी हैं. नरेंद्र के परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है. बहनों की शादी हो चुकी है. नरेंद्र का छोटा भाई वीरेंद्र अमेरिका में रहता है और एक होटल में काम करता है.

नरेंद्र सिंधु की मां हुई भावुक

अंतिम संस्कार से पहले घर पर नरेंद्र सिंधु की मां रोशनी देवी भावुक नज़र आई. उन्होंने नम आंखों से कहा कि “बचपन में नरेंद्र कहता था कि वो बड़ा होकर सेना में जाएगा, उसने अपना सपना तो पूरा कर लिया, लेकिन आज हमें ज़िंदगी भर का गम दे गया “. वहीं उसकी बहन पूनम ने बताया कि “अगले रक्षाबंधन पर नरेंद्र ने उनसे सोने की चेन देने का वादा किया था, लेकिन, उन्हें क्या पता था कि वे अब कभी अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध पाएंगी.” नरेंद्र के पिता दलबीर सिंह ने कहा कि ” रविवार को नरेंद्र से वीडियो कॉल पर बात हुई थी. उसने फसल के बारे में पूछा था और दो भैंस खरीदने की बात भी कर रहा था. अक्टूबर में नरेंद्र के छुट्टी पर आने के बाद उसकी शादी की बात शुरू होनी थी, लेकिन उनकी ये ख्वाहिश अधूरी रह गई.”

श्रीनगर में हुई थी पोस्टिंग

नरेंद्र सिंधु राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. 4 साल पहले ही उनकी पोस्टिंग श्रीनगर में की गई थी. नरेंद्र आखिरी बार साढ़े 3 महीने पहले छुट्टी पर घर आए थे. करीब एक महीना घर पर रहने के बाद ढाई महीने पहले वे अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे. पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान जगजीत सिंह फौजी ने बताया कि “नरेंद्र के शहीद होने की सूचना सबसे पहले एसोसिएशन को ही दी गई थी. इसके बार परिवार को इस बारे में बताया गया. बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार शोक में डूब गया.

पहले भाईयों को खोया, फिर बेटे को 
नरेंद्र के शहीद होने की ख़बर मिलने पर उनकी मां रोशनी देवी बेहोश हो गई थी. रोशनी देवी ने कुछ दिनों पहले ही अपने दो भाईयों को खोया था और अभी वो उस सदमे से उबर ही नहीं पाई थी कि उनके बेटे के शहीद होने की ख़बर सामने आ गई. मंगलवार को सदमे के चलते उनकी हालत और बिगड़ गई थी जिसके बाद डॉक्टर को बुलाना पड़ा था.
कुलगाम में 8 सितंबर को मुठभेड़
आपको बता दें कि 8 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी. इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकवादी भी मारे गए थे. इनमें से एक आमिर अहमद डार पहलगाम हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों की सूची में शामिल था. इसी दौरान हरियाणा के कैथल के रहने वाले नरेंद्र सिंधु शहीद हो गए थे.