अपहरण और हत्या के मामले में कैब ड्राइवर के हत्यारों को उम्रकैद

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गुड़गांव  : कैब ड्राइवर का अपहरण कर उसकी हत्या करने वाले तीन आरोपियों को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज सुनील कुमार दीवान की अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन पर जुर्माना भी लगाया है।

पुलिस के मुताबिक, 23 नवंबर 2019 को पुलिस चौकी अंसल टाउनशिप थाना पालम विहार को उत्तराखंड के रहने वाले सुरजन सिंह चौहान उर्फ अर्जुन ने शिकायत दी थी कि यह सांई टूर एण्ड ट्रैवल नामक एजेंसी चलाता है। इसके पास 10 कमर्शियल कार हैं, जिन्हें चलाने के लिए इसने ड्राइवर रखे हैं। इसका एक ड्राइवर जेवर उत्तर प्रदेश निवासी जयपाल करीब एक साल से इसके पास काम कर रहा है और वह शीशपाल विहार गुड़गांव में रहता है। 21 नवंबर की रात करीब 10 बजे साइबर सिटी से इसकी पर्सनल गाडी में एक व्यक्ति दानेश को छोडने के लिए C2 ब्लाॅक पालम विहार गया था। जो दानेश को छोड़ कर गाड़ी सहित वहां से निकल गया, लेकिन जयपाल न ही साइबर सिटी पहुंचा और न ही अपने घर शीशपाल  विहार पहुंचा। जिसे यह आज तक तलाश करते रहे जो इन्हें नहीं मिला।

शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले में पुलिस ने जांच के दौरान कैब चालक का अपहरण कर उसकी हत्या होने की पुष्टि करते हुए केस में संबंधित धाराएं जोड़ दी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 19 दिसंबर 2019 को तीन आरोपियों को काबू किया जिनकी पहचान मुज्जफरनगर उत्तर प्रदेश निवासी साकिब अंसारी (26), प्रिंसपाल (23) व रानीखेत उत्तराखंड निवासी पंकज सिंह(24) के रूप में हुई। आरोपियों से पूछताछ में सामने आया था कि इन्होंने 21 नवंबर को पालम विहार थाना एरिया से एक कार में लिफ्ट मांगी और कार चालक के गले पर ब्लेड से हमला कर दिया व कम्बल से उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद मृतक को इन्होंने शंकर चौक से हनुमान मन्दिर वाले रास्ते में सड़क के साथ झाड़ियों में डालकर उसे पत्थरों से ढक दिया। उसके बाद ये मृतक का मोबाइल व उसकी गाड़ी लेकर चले गए थे। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर मृतक कैब चालक जयपाल सिंह के शव को बरामद कर लिया था। मामला अदालत में चला।

अभियाेजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए उनसे आरोपियों पर लगे आरोप साबित हो गए जिसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए 302, 34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास 50 हजार रुपए जुर्माना, धारा 364, 34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास 50 हजार रुपए जुर्माना, धारा 201, 34 आईपीसी के तहत 7 साल की कैद 25 हजार रुपए का जुर्माना तथा धारा 397, 34 आईपीसी के तहत 7 साल की कैद 25 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।