गुड़गांव: मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग में इस तरह के सम्मेलन का अहम योगदान रहता है। यह पहला मौका है जब इतने बड़े स्तर पर शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस तरह के आयोजन निरंतर देशभर में आयोजित होने चाहिए। इसके लिए ऑनलाइन माध्यमों का भी सहारा लेना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें और अपने शहरों का स्वरूप बदल सकें।
उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं की तरह शहरी स्थानीय निकायों में भी हाउस के सेशन होने चाहिए जिसे कोई लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष की तरह चयनित कोई व्यक्ति चलाए। इससे निष्पक्ष तौर पर काम करने की कार्य पद्धति बनेगी। उन्होंने देशभर से आए जन प्रतिनिधियों को शहरी स्थानीय निकायों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। इसके साथ-साथ इस सम्मेलन में जिन नगर निकायों द्वारा अपने बेहतरीन कार्यों को बेस्ट प्रैक्टिसिस में दिखाया है, उन्हें अपने यहां भी लागू करें और शहरों को और बेहतर बनाएं।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षित करते हुए शहरों को आगे बढ़ाना होगा। प्रगतिशील कार्य करते हुए यह ध्यान रखें कि हमें पर्यावरण को भी बचाना है। हमें ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारते हुए ई-मोबिलिटी के लिए प्लॉनिंग करनी चाहिए। वर्ष 2002 में भारत में मैट्रो की शुरूआत हुई थी जबकि यूएसए में 150 साल पहले मैट्रो आई थी, लेकिन आज भारत के 21 शहरों में 1 हजार किलोमीटर में मैट्रो चल रही है, जो यूएसए के बराबर है। इसे भविष्य में और आगे लेकर जाने की प्लानिंग है।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र सरकार के अर्बन चैलेंज फंड के माध्यम से शहरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसके तहत 1 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शहरों को और बेहतर बनाने के लिए दुनियाभर के बेहतरीन शहरों की बेस्ट प्रैक्टिसिस को लागू किया जा रहा है। पिछले दिनों स्पेन के साथ एक एमओयू किया गया है, जिससे दोनों देशों में हो रहे बेहतरीन कार्यों को आपस में सांझा किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में सरकारों, नगर निकायों को भी अपनी स्पीड बढ़ानी होगी। कार्यबल को प्रशिक्षित करना होगा और समय व साधनों का सहीं से इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि 1970 में 20 प्रतिशत शहरीकरण था लेकिन आज 36 प्रतिशत शहरीकरण हो चुका है जो 2047 तक 50 प्रतिशत हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हम जन प्रतिनिधियों को तो इस तरह के आयोजनों से जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं, लेकिन आमजन को भी जागरूक करना होगा। जनता जागरूक होगी तो सिस्टम में अधिक पारदर्शिता आएगी। विकास कार्यों बेहतर तरीके से होंगे। उन्होंने शहरी निकायों को स्वालंबी बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों से निश्चित पैसा शहरी स्थानीय निकायों को मिलता है। ऐसे में हमें स्वालंबी होने के साथ-साथ पारदर्शिता पर भी जोर देना होगा।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमें स्किल पर ध्यान देना चाहिए। नगर निकायों में कर्मचारी हो या अधिकारी उन्हें आईगोट एप्लीकेशन के माध्यम से स्किल सीखने चाहिए। अभी तक 21 राज्यों ने इसके लिए एमओयू किया है। इस एक एप्लीकेशन पर 2 हजार से ज्यादा कोर्स मौजूद हैं। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन इन्हें सीख सकता है और अपने स्किल में बढ़ोतरी कर सकता है।
इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरविंश, मध्यप्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कैलाश विजवर्गीय, केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत, राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल पीसी मोदी, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हविन्द्र कल्याण, विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिढ़ा व अन्य गणमान्य मौजूद रहे।