फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में सरस मेले में लगे अलग-अलग तरह के शुद्ध देसी हैंडमेड प्रोडक्ट देखने को मिल रहे हैं. जिसे लोग खुश होकर खरीद रहे हैं. यह प्रोडक्ट बाजारों में मिलने वाले प्रोडक्ट से एकदम अलग है. क्योंकि यह प्रोडक्ट कड़ी मेहनत से घर में बनाए गए हैं. वहीं, फतेहाबाद से आई महिला गीता देवी ने भी शुद्ध शहद की स्टॉल लगाई हुई है. इस शहद की खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की गई है. इस प्रोडक्ट में 6 तरह की वैरायटी आपको मिल जाएगी. इनका पूरा परिवार मधुमक्खी पालन से आज लाखों रुपये कमा रहा है.
शहद की इतनी सारी वैरायटी: गीता देवी ने बताया कि “मेरा पूरा परिवार मधुमक्खी पालन में लगा हुआ है और यह काम हम पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं. हम बिना मिलावट के शहद बनाते हैं. जिसमें तुलसी शहद, अजवाइन शहद, सरसों फुल शहद, गुलाटी शहद, सौंप शहद, जंगली वाइल्ड शहद शामिल है. हम खुद ही मधुमक्खी से इस शहद को तैयार करते हैं. हालांकि इस काम में मेहनत भी है. देखरेख के साथ-साथ खर्च भी है. लेकिन इसके बावजूद भी हमारा काम बढ़िया चल रहा है”.
कड़ी मेहनत के बाद तैयार होता है शुद्ध शहद: गीता ने बताया कि “अलग-अलग शहद बनाने की अलग-अलग प्रक्रिया होती है. जैसे तुलसी का शहद हमें बनाना है, तो इसके लिए हम अपने मधुमक्खियों को राजस्थान ले जाते हैं. जहां पर जंगली तुलसी के बहुत सारे पौधे होते हैं. उसके बाद हम वहां अपनी मधुमक्खियों को छोड़ देते हैं. वह मधुमक्खी तुलसी के पौधे से उसका रस चूसती है और फिर वापस अपने छत्ते में आ जाती है.
एक महीने बाद तैयार होता है शहद: इस प्रकार से यह प्रक्रिया एक महीने तक चलती रहती है. जिसके बाद हम मधुमक्खी को वापस अपने घर पर ले आते हैं. फिर हम उस मधुमक्खी के छत्ते से शहद तैयार करते हैं और इसी प्रकार से जहां जिस फ्लेवर का हमें शहर चाहिए. उस पौधे के पास हम अपनी मधुमक्खी को लेकर जाते हैं. यह प्रक्रिया 1 महीने तक चलती है. इसके लिए हम मधुमक्खियों को लेकर अलग-अलग शहर जाते हैं”.
शहद बनाने की प्रक्रिया: गीता ने बताया कि “यदि हमें आज मीन का शहर चाहिए, तो जिस राज्य में भी आसमान की खेती होती है. वहां पर हम मधुमक्खियों को लेकर जाते हैं. इसी प्रकार से एक महीने तक मधुमक्खी को वहां रखते हैं. जिसके बाद शहद तैयार हो जाता है. अपने घर पर हम मधुमक्खी को ले आते हैं और मधुमक्खी के छत्तों से शहद को निकलते हैं. फिर उसे सूती कपड़े के जरिए छानते हैं. इस प्रकार से हमारा शहद तैयार हो जाता है. जिसमें कोई भी मिलावटी चीज नहीं होती है”.
ऑर्गेनिक शहद: गीता ने बताया कि “बाजारों में विभिन्न प्रकार के शहद मिलते हैं, लेकिन वह मिलावट युक्त होता है और हमारा मिलावट युक्त शहद बिल्कुल भी नहीं है. हमारा शहद एकदम ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया जाता है. हम खुद शहद को तैयार करते हैं और मेरे पास लगभग 300 के करीब मधुमक्खियों की पेटी है. जिसे हम अलग-अलग जगह पर लेकर जाते हैं”.
अनार में भी घुलती है शहद की मिठास: महिला किसान गीता ने बताया कि “एक पेटी से लगभग 30 से 40 किलो शहद एक महीने में तैयार हो जाता है. हालांकि हम गुजरात भी जाते हैं. जहां पर अनार की खेती होती है. वहां पर भी हम मधुमक्खियां छोड़ते हैं. लेकिन उसके बदले हम अनार की खेती करने वाले किसान से 1500 रुपये हर पेटी का पैसा लेते हैं. क्योंकि इस मधुमक्खी के टच से अनार की क्वालिटी अच्छी होती है और वह मीठी हो जाती है”.
2 महीने में लाखों रुपये की कमाई: उन्होंने बताया कि “हमारे द्वारा बनाए गए शहद की डिमांड ज्यादा है और 2 महीने में हम लगभग 5 लाख रुपये इस कारोबार से कमा लेते हैं. इसी मधुमक्खी पालन से अब हमारा परिवार ठीक ढंग से पल रहा है. हम अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जिस हिसाब का शहद होता है, उसी हिसाब का रेट भी है. हमारे पास 800 रुपये किलो से शहद शुरू हो जाता है. हमारे द्वारा तैयार किए गए शहद कई बीमारियों को खत्म करने के लिए भी फायदेमंद है. यही वजह है कि हमारी शहद की डिमांड काफी ज्यादा है”.
शहद के मुरीद हुए कस्टमर: शहद खरीदने आए जगदीश ने बताया कि “यह शहद दूसरे शहद से काफी हटके है. देखने में भी अच्छा लग रहा है. मैं भी शहद खरीदने आया हूं. हालांकि मैंने नीम का शहद तो सुना था. लेकिन इतने वैरायटी का शहद इससे पहले मैंने नहीं देखा था”. इसके अलावा, शहद लेने आई महिला कमलेश ने बताया की”मैं पिछले तीन सालों से शहद खरीद रही हूं और यह शहद काफी फायदेमंद भी है. इसमें कोई मिलावट नहीं है और यही वजह है कि मैं इनकी रेगुलर कस्टमर बन गई हूं. जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे शहद खरीदती हूं. यह खुद ही बनाते हैं, किसी भी तरह से इसमें कोई केमिकल या कोई दूसरी चीज मिली नहीं होती है”.
सरस मेले में छाई शुद्ध देसी शहद की महक: आपको बता दें गीता और उनका पूरा परिवार इसी काम में लगा हुआ है. जिसके चलते इन कामों के जरिए इन्होंने अपनी पहचान बनाई है. इतना ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर अब देश के अलग-अलग कोने में भी अपने प्रोडक्ट को लेकर जा रही हैं. इसी कड़ी में गीता अपने शहद को लेकर सरस मेले में आई हुई है. जहां लोग इनके द्वारा तैयार किए गए शहद को काफी पसंद कर रहे हैं.

















