फरीदाबाद : अरावली पर्वत श्रृंखला में हो रही तोड़फोड़ की कार्रवाई के खिलाफ सूरजकुंड क्षेत्र में रविवार को एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में देशभर से कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने पहुंचकर ग्रामीणों को समर्थन दिया और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
दीपेंद्र हुड्डा ने किया विरोध का ऐलान
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने महापंचायत में हिस्सा लेते हुए कहा, “हम इस आंदोलन का समर्थन करते हैं और समय आने पर सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध करेंगे। यह सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के इशारों पर काम कर रही है। गरीब और किसान की इस सरकार की नीतियों में कोई जगह नहीं है। अरावली क्षेत्र की तोड़फोड़ सिर्फ आनंदपुर तक सीमित नहीं, बल्कि यह सिलसिला कई अन्य गांवों तक फैलेगा।” उन्होंने कृष्णपाल गुर्जर के आश्वासनों को नकारते हुए कहा कि, “जो बातें सरकार कहती है, वह करती नहीं। देश की संपत्तियां, बंदरगाह से लेकर पहाड़ तक, पूंजीपतियों को सौंपे जा रहे हैं। अरावली क्षेत्र पर पूंजीपतियों की नजर है और यह फरीदाबाद-गुड़गांव का हर नागरिक जानता है।”
दुष्यंत चौटाला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
जेजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा, “2022 में सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव मामले में स्पष्ट आदेश दिए थे कि दस्तावेजों की सत्यता की जांच की जाए, लेकिन सरकार और प्रशासन ने बिना जांच के तोड़फोड़ की कार्रवाई की। अब वही रवैया अनंगपुर गांव में अपनाया जा रहा है, जो निंदनीय है।” उन्होंने मांग की कि जिनके पास 30 साल पुराने वैध दस्तावेज हैं और जिनके मकान तोड़े गए हैं, उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। “मैं उस समय राजस्व मंत्री था और मैंने स्वयं सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ा है। उसमें कहीं भी तोड़फोड़ का निर्देश नहीं था। यह पूरी कार्रवाई कोर्ट की भावना के खिलाफ है।”
राकेश टिकैत ने दिया आंदोलन तेज़ करने का संदेश
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “जब कोर्ट किसानों के हक में फैसला देता है तो सरकारें उसे लागू नहीं करतीं, लेकिन मकान तोड़ने के लिए तत्पर रहती हैं। आज सिर्फ आनंदपुर नहीं टूटा, बल्कि यह एक शुरुआत है। आने वाले समय में और गांव निशाने पर होंगे। हमें मिलकर इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।”
उन्होंने कहा कि,”जिन जातियों के मकान तोड़े गए हैं, वे भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से लेकर देशभर में बसे हुए हैं। यह समुदाय संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा और किसान संगठन इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।” टिकैत ने मांग की कि जिनके मकान तोड़े गए हैं, सरकार उन्हें फ्लैट या नया मकान उपलब्ध कराए ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।