फरीदाबाद। गांव अनंगपुर के लोगों ने रविवार को चौक पर एकत्रित होकर महापंचायत की। मेवला महाराजपुर, लक्कड़पुर और तुगलकाबाद के लोगों ने भी ग्रामीणों का समर्थन किया। स्थानीय निवासियों की मांग है कि गांव को लाल डोरा में शामिल किया जाए। अनंगपुर के प्रवेश द्वार पर अनिश्चितकालीन धरने का फैसला लिया गया है। सोमवार को ग्रामीणों की 21 सदस्यीय कमेटी जिला उपायुक्त विक्रम सिंह से मुलाकात करेगी।
जिला वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार शीर्ष अदालत के आदेशानुसार अरावली वन क्षेत्र में बने 6497 छोटे-बड़े अवैध निर्माणों को हटाया जाना है। अवैध निर्माण हटाकर यहां पौधे लगाए जाएंगे। इसकी रिपोर्ट वन विभाग को जुलाई के अंत तक सुप्रीम कोर्ट में सौंपनी है।
फार्म हाउस सहित अन्य अवैध निर्माण को ढहा दिया
बीते दिनों वन विभाग और नगर निगम की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 70 से मैरिज गार्डेन, बैंक्वेट हाल और फार्म हाउस सहित अन्य अवैध निर्माण को ढहा दिया। पिछले एक सप्ताह से कार्रवाई रुकी हुई है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो सोमवार को विपिन सिंह जिला वन अधिकारी का कार्यभार संभालेंगे। एक बार फिर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरु होगी।
गांव बचाने के लिए होंगे एकजुट, लाल डोरा तय कराएंगे
महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे पार्षद वीरेंद्र भड़ाना, नेता अतर सिंह, अजयपाल सरपंच, जयहिंद नंबरदार और दिवाकर विधुड़ी सहित अन्य ने बताया कि गांव को बचाने के लिए एकजुट होकर अपनी आवाज शासन प्रशासन तक पहुंचाएंगे। अनंगपुर को लाल डाेरा में शामिल करने की मांग करेंगे। अनंगपुर गांव के लोग भारी संख्या में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधायक धनेश अदलखा से मिलेंगे तथा उन्हें मांग पत्र सौंपेंगे।
गांव में लोग 700 वर्षों से रह रहे हैं और इनकी आजीविका का मुख्य स्त्राेत खेती व पशु पालन है। यहां तोड़फोड़ हुई तो लोग बेरोजगार हो जाएंगे। गांव की आबादी बढ़ी यहां आज तक लाल डोरा तय नहीं किया गया। यह पूर्वजों की जमीन है। गांव में तोड़ोफोड़ किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। लाल डोरा तय होने से गांव फारेस्ट एक्ट से बाहर आएगा।
महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे पार्षद वीरेंद्र भड़ाना, नेता अतर सिंह, अजयपाल सरपंच, जयहिंद नंबरदार और दिवाकर विधुड़ी सहित अन्य ने बताया कि गांव को बचाने के लिए एकजुट होकर अपनी आवाज शासन प्रशासन तक पहुंचाएंगे। अनंगपुर को लाल डाेरा में शामिल करने की मांग करेंगे। अनंगपुर गांव के लोग भारी संख्या में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधायक धनेश अदलखा से मिलेंगे तथा उन्हें मांग पत्र सौंपेंगे।
गांव में लोग 700 वर्षों से रह रहे हैं और इनकी आजीविका का मुख्य स्त्राेत खेती व पशु पालन है। यहां तोड़फोड़ हुई तो लोग बेरोजगार हो जाएंगे। गांव की आबादी बढ़ी यहां आज तक लाल डोरा तय नहीं किया गया। यह पूर्वजों की जमीन है। गांव में तोड़ोफोड़ किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। लाल डोरा तय होने से गांव फारेस्ट एक्ट से बाहर आएगा।