चंडीगढ़ : सभी आवश्यक उपकरणों के साथ राज्य में एक नई दवा प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। यह अगले 4 महीनों में शुरू हो जाएगी। अब ड्रग रेगुलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को एक प्रपोजल भेजा जा रहा है। इसमें गुरुग्राम, हिसार व करनाल में तीन लैब बनाने का प्रस्ताव है। इन लैब्स पर लगभग 91.9 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दवा विनिर्माण इकाइयों के 33 रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन किए गए हैं व सभी मामलों में पहले ही कार्रवाई कमी की जा चुकी है।
इनमें से कुछ में पाए जाने पर 12 फर्मों को उत्पादन बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं, इनमें से 2 विनिर्माण-लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं के 17 रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन किए गए हैं और सभी मामलों में पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। 1 लैब का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने दी।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सभी एलोपैथिक दवा निर्माताओं को रिस्की-सॉल्वेंट्स बारे एडवाइजरी जारी की गई है। लगातार जांच की जा रही है और निर्धारित मानकों में कमी पाए जाने पर दवा निर्माताओं को नोटिस जारी किये गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की। आरती सोमवार को चंडीगढ़ से वर्चुअली मीटिंग के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दे रही थीं।
बताया कि प्रदेश में सभी एलोपैथिक दवा निर्माताओं को रिस्की-सॉल्वेंट्स (प्रोपीलीन ग्लाइकोल, ग्लाइकोल और ग्लिसरीन आदि) की खरीद, स्टॉक और उपयोग के संबंध में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा संबंधित सॉल्वेंट्स के सत्यापन के लिए पहले ही निरीक्षण शुरू कर दिए गए थे। अब तक 37 निरीक्षण किए गए हैं व 54 नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के साथ संयुक्त निरीक्षण शुरू कर दिए गए हैं। अब तक 14 निरीक्षण किए गए हैं और 31 नमूने लेकर परीक्षण को भेजे गए हैं। जिन फर्मों में विसंगतियां पाई गई हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं।

















