बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रविवार (3 अगस्त) को कहा कि 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में उन्हें बरी करने का विशेष अदालत का फैसला हिंदुत्व की जीत है और ये उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा था. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला हिन्दुत्व की जीत और भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है.
2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार भोपाल पहुंचीं साध्वी प्रज्ञा का राजा भोज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कोर्ट का फैसला हिन्दुत्व की जीत और भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है.
‘भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए’
पूर्व सांसद ने कहा ‘ यह हिंदुत्व और धर्म की जीत है, भगवा की जीत है. हमारे शास्त्रों में ‘सत्यमेव जयते’ (सत्य की ही जीत होती है) लिखा है, और यह सिद्ध हो गया है. भगवा आतंकवाद की बात करने वालों को शर्मसार होना पड़ा है’. उन्होंने कहा कि समाज और देश ने भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ने वालों को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला विरोधियों के मुंह पर करारा तमाचा है. भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए हैं.
‘कई लोगों के नाम लेने के लिए दबाव डाला’
भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का उनके आवास पर फूल मालाओं, ढोल-नगाड़ों और मिठाइयों के साथ भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें प्रताड़ित किया गया और कई लोगों के नाम लेने के लिए दबाव डाला गया. बीजेपी नेता ने दावा किया ‘दबाव था, लेकिन मैं झुकी नहीं. मैंने किसी का भी झूठा नाम नहीं लिया, इसलिए मुझे इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया गया’.
‘मुझे प्रताणित किया गया’
बीते शनिवार (2 अगस्त) को पूर्व सांसद ने आरोप लगाया था कि जांचकर्ताओं ने उन्हें प्रताड़ित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई लोगों के नाम लेने के लिए मजबूर करने की कोशिश की. ऐसा पहली बार है जब ठाकुर ने यह सनसनीखेज दावा किया, जिसका NIA की विशेष अदालत के 1036 पृष्ठों के फैसले में कोई जिक्र नहीं है.
शनिवार को कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए सत्र अदालत में पेश हुईं प्रज्ञा ठाकुर ने कोर्ट के बाहर पत्रकारों के साथ बात करते हुए दावा किया कि पूछताछ के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया था. हालांकि विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने अपने 1,036 पृष्ठों के फैसले में ठाकुर के प्रताड़ित करने और दुर्व्यवहार के दावों को खारिज कर दिया है.
विस्फोट में हुई थी 6 लोगों की मौत
महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को विस्फोट हुआ था. इस हादसे में छह लोगों की मौत हुई थी और करीब 101 लोग जख्मी हुए थे. विशेष अदालत ने ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सातों आरोपियों को 30 जुलाई को बरी कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं हैं.