लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को कहा कि हरियाणा के पुलिस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की ‘‘आत्महत्या” की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और इससे खासकर दलित एवं बहुजन समाज के लोग काफी उद्वेलित हैं। बसपा प्रमुख ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”हरियाणा राज्य में आईजी (महानिरीक्षक) रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरण कुमार, जिनकी पत्नी भी हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं, द्वारा जातिवादी शोषण एवं प्रताड़ना के कारण की गयी आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। ख़ासकर दलित एवं बहुजन समाज के लोग काफी उद्वेलित हैं।
सभ्य सरकार के लिये घटना शर्मनाक
उन्होंने कहा, ‘‘यह अति-दुखद एवं अति-गंभीर घटना खासकर एक सभ्य सरकार के लिये शर्मनाक है और यह साबित करती है कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश विशेषकर शासन-प्रशासन में कितना अधिक हावी है तथा सरकारें इसे रोक पाने में विफल साबित हो रही हैं। वैसे यह सब सरकार की नीयत व नीति की बात ज्यादा है।” मायावती ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की समयबद्ध तरीके से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच होनी चाहिए तथा दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि सभ्य समाज को शर्मिंदा करने वाली ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा कहीं ना हो सकें।
सरकार घटना को गंभीरता से ले दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे
बसपा नेता ने कहा, ”हरियाणा सरकार इस घटना को पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से ले तथा इसकी भी लीपापोती करने का प्रयास ना करे तो यह उचित होगा। जांच के नाम पर खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए, जैसे कि आरोप लगने शुरू हो गए हैं।” उन्होंने उच्चतम न्यायालय एवं केंद्र सरकार से इस घटना का ‘‘उचित संज्ञान लेने” का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ”ऐसी घटनाओं से खासकर उन लोगों को जरूर सीख लेनी चाहिए जो एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़कर ‘क्रीमी लेयर’ की बात करते हैं, क्योंकि धन एवं पद पा लेने के बाद भी जातिवाद उनका पीछा नहीं छोड़ता और हर स्तर पर जातिवादी शोषण, अत्याचार एवं उत्पीड़न लगातार जारी रहता है जिसकी ताजा मिसाल हरियाणा की वर्तमान घटना है।
IPS पूरण कुमार ने गोली मारकर की थी खुदकुशी
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी वाई पूरण कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। उनकी मौत के बाद बरामद एक ‘अंतिम नोट’ में राज्य के कुछ ‘‘वरिष्ठ अधिकारियों के नाम” और पिछले कुछ वर्षों में उनके द्वारा कथित तौर पर झेले गए ‘‘मानसिक उत्पीड़न और अपमान” का विवरण दिया गया है।

















