चंडीगढ़: गन्नौर से निर्दलीय विधायक देवेंद्र सिंह कादियान ने जीटी रोड से रेलवे रोड की सडक़ पर ड्रेनेज सिस्टम क्षतिग्रस्त होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने मांग की कि इस प्रोजेक्ट को नगर परिषद की बजाय पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट अपने हाथों में ले। कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि पब्लिक हेल्थ विभाग इसे अपने कंट्रोल में लेगा और ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करवाया जाएगा। देवेंद्र कादियान ने यह भी कहा कि बारिश के दिनों में पूरी सडक़ पर पानी एकत्रित हो जाता है और लोगों को इससे परेशानी होती है।
प्रदेश सरकार खरखौदा शहर में जलापूर्ति विस्तार करेगी। इसके लिए 26 करोड़ 46 लाख रुपये की परियोजना को मंजूरी दी जा चुकी है। यहां से विधायक पवन खरखौदा के सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में 40 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का अतिरिक्त जल उपचार संयंत्र का निर्माण होगा। इतना ही नहीं, सरकार द्वारा स्वीकृत कालोनियों में जल वितरण के लिए पाइप लाइन भी दबाए जाएंगे। इसी तरह से राई विधायक कृष्णा गहलोत के सवाल पर मंत्री ने कहा कि कुंडली में बढ़ी हुई आबादी को देखते हुए अगले 30 वर्षों की आबादी को ध्यान में रखकर पेयजल परियोजना बनाई जा रही है।
कालका से भाजपा विधायक शक्ति रानी शर्मा के सवाल पर सरकार ने स्वीकार किया के गर्मियों में कालका और मोरनी के एरिया में पानी की कमी आती है। इसे दूर करने के लिए सरकार ने विशेष कार्ययोजना बनाई है। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान ही सरकार ने कालका में जलापूर्ति में सुधार के 551 लाख रुपये से अधिक की राशि आवंटित की है। वर्तमान में कालका हलके में 286 ट्यूबवैल और 138 बूस्टिंग स्टेशन के जरिये आपूर्ति हो रही है। शक्ति रानी शर्मा ने पानी की टेस्टिंग का मुद्दा भी उठाया। कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने बताया कि 2024-25 के दौरान 489 रासायनिक और 8 हजार 129 जीवाणु संबंधित जल गुणवत्ता परीक्षण किए गए हैं।
पब्लिक हेल्थ मंत्री ने बताया कि फतेहाबाद शहर में सीवर लाइन बिछाने के लिए 55 करोड़ से अधिक की परियोजना को प्रशासनिक मंजूरी दी जा चुकी है। यहां से कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह परियोजना 31 दिसंबर, 2027 तक पूरी होगी। दौलतपुरिया ने कहा कि फतेहाबाद का सीवरेज सिस्टम पूरी तरह से ठप हो चुका है। हालांकि मंत्री ने यह स्वीकार किया कि सीवरेज सिस्टम करीब चालीस वर्ष पुराना है लेकिन यह अभी संतोषजनक काम कर रहा है।
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