चंडीगढ़: पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में पुलिस ने तीन नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनसे कुल 255.86 ग्राम हेरोइन, एक पिस्टल और कारतूस बरामद हुए हैं. जब्त की गई हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये बताई गई है.
गिरफ्तार आरोपियों में कुख्यात गैंगस्टर बाबा शामिल: गिरफ्तार आरोपियों में सबसे चर्चित नाम बलजीत सिंह उर्फ बाबा (55) का है. यह वही गैंगस्टर है, जो पहले डबल मर्डर और नायब तहसीलदार की हत्या जैसे संगीन मामलों में शामिल रह चुका है. बाबा ने जेल में रहते हुए ही गैंगस्टर जस्मीत उर्फ लक्की के साथ ड्रग्स नेटवर्क खड़ा किया था. लक्की फिलहाल अमेरिका में गिरफ्तार है.
B.Tech पास मनदीप, बेरोजगारी से बना तस्कर: एक और आरोपी मनदीप सिंह उर्फ मंडी है, जो कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद नौकरी की तलाश में असफल रहा. धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आया और बाबा के संपर्क में आकर इस अवैध धंधे में उतर गया.
डीएसपी धीरज कुमार की टीम की कार्रवाई: यह पूरी कार्रवाई डीएसपी धीरज कुमार की सुपरविजन में क्राइम ब्रांच की टीम ने अंजाम दी. पुलिस ने सीक्रेट इनपुट के आधार पर सेक्टर-43 बस स्टैंड से बाबा को धर दबोचा. उसके पास से 109.86 ग्राम हेरोइन, एक देसी पिस्टल और कारतूस मिले.
बाकी दो साथी भी चढ़े हत्थे: बाबा से पूछताछ के बाद उसके दोनों साथियों परविंदर पाल सिंह मिड्ढा और मनदीप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने मिड्ढा के पास से 121 ग्राम हेरोइन और एक स्विफ्ट कार बरामद की. इसके अलावा मनदीप से 25 ग्राम हेरोइन बरामद हुई. कुल मिलाकर पुलिस ने तीनों से भारी मात्रा में हेरोइन, हथियार और वाहन बरामद किए हैं.
विदेशी नेटवर्क से जुड़ा था बाबा: पुलिस जांच में सामने आया है कि बाबा अमेरिका में बैठे ड्रग तस्करों भूपिंदर और दलबीर के संपर्क में था. ये सभी ड्रग्स की डिलीवरी मैसेजिंग ऐप्स के जरिए करते थे. लोकल पैडलरों के जरिए नशे की सप्लाई की जाती थी. पैसा और माल अलग-अलग जगहों पर डिलीवरी होते थे ताकि पकड़े जाने का खतरा कम हो.
बाबा का अपराध से पुराना नाता:
- 2000 में अपने पिता के साथ मिलकर चाचा और चचेरे भाई की हत्या की
- 2010 में पैरोल पर छूटने के बाद नायब तहसीलदार मिंटू की हत्या की
- 2017 में हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद फिर नशा तस्करी में सक्रिय हो गया
- जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात लक्की से हुई, जिससे मिलकर उसने ड्रग सिंडिकेट को मजबूत किया.
MBA पास मिड्ढा भी शामिल: परविंदर पाल सिंह मिड्ढा, जिसने MBA और MA की डबल डिग्री हासिल की है, पहले एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी करता था. 2022 में थाना-39, चंडीगढ़ में गैंगरेप केस में भी गिरफ्तार हो चुका है. इसके बाद बाबा के साथ मिलकर चंडीगढ़ और ट्राईसिटी में ड्रग्स की सप्लाई करने लगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की भूमिका पर सवाल उठे, तो डीएसपी धीरज कुमार ने बताया कि ANTF ने इस साल 11 केस दर्ज किए हैं. हालांकि, क्राइम ब्रांच और ANTF के बीच इंफॉर्मेशन शेयरिंग पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.