NEET छात्र मर्डर केस: पुलिस की थ्योरी पर परिवार ने उठाए सवाल, मौत सिर नहीं बल्कि मुंह में लगी गोली से

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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के पिपराइच थाना क्षेत्र के मऊआचापी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. NEET की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है. वहीं, दीपक के परिजन का कहना है कि उसकी हत्या गोली मारकर की लेकिन पुलिस इस दावे से सहमत नहीं है और सिर में चोट को मौत का कारण बता रहा है.

दीपक के पिता दुर्गेश गुप्ता और मां सीमा गुप्ता का कहना है कि प्रशासन सच छिपा रहा है. उनका आरोप है कि पुलिस और प्रशासन दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. परिवार की मांग है कि सभी आरोपी पशु तस्करों का एनकाउंटर किया जाए. मां सीमा गुप्ता ने रोते हुए कहा कि उनके बेटे की हत्या के बाद पूरा परिवार बर्बाद हो गया है. उन्होंने सरकार से मांग की कि उनके पति को नौकरी दी जाए और छोटे बेटे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आर्थिक मदद भी की जाए.

परिवार बोला- दीपक को मारी गई थी गोली

परिवार ने यह भी बताया कि पुलिस दीपक को लेकर मेडिकल कॉलेज गई थी और वहीं से फोन करके शव की पहचान के लिए बुलाया गया. जब परिजन पहुंचे तो दीपक की हालत देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उन्होंने साफ कहा कि दीपक को गोली मारी गई थी, लेकिन जिलाधिकारी और प्रशासन इस बात को मानने से इंकार कर रहे हैं.

घटना सोमवार देर रात करीब 11:30 बजे की है. बताया जा रहा है कि दो पिकअप गाड़ियों में सवार होकर 10 से 12 लोग गांव में पहुंचे. उन्होंने एक फर्नीचर की दुकान का शटर तोड़ने की कोशिश की. शटर पर पड़ती तेज खटखटाहट से पास में सो रहे युवक की नींद खुल गई. उसने तत्काल अपने भाई दीपक को फोन करके घटना की जानकारी दी.

सूचना मिलते ही दीपक स्कूटी लेकर मौके की ओर दौड़ा. कई ग्रामीण भी उसके साथ हो लिए. जैसे ही तस्करों ने ग्रामीणों को अपनी ओर आते देखा, वे पिकअप से भागने लगे. ग्रामीणों ने एक गाड़ी को घेरकर रोक लिया, लेकिन दूसरी गाड़ी से तस्कर तेजी से भाग निकले. दीपक ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी स्कूटी से उस गाड़ी का पीछा शुरू कर दिया.

शव 4 किमी दूर बरामद

पीछा करते समय दीपक की स्कूटी अचानक फिसल गई और वह सड़क पर बुरी तरह गिर पड़ा. तभी तस्करों ने मौका पाकर उसे उठा लिया और अपनी गाड़ी में डालकर फरार हो गए. कुछ घंटों बाद दीपक का शव गांव से करीब चार किलोमीटर दूर बरामद हुआ. शव देखकर हर कोई दहशत में आ गया. दीपक का सिर बुरी तरह कुचला हुआ था और खून से लथपथ उसका चेहरा पहचानना मुश्किल हो रहा था.

गांव में गुस्से का माहौल है. लोग प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक निर्दोष लोग पशु तस्करों की हिंसा का शिकार बनते रहेंगे. ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि दोबारा ऐसी वारदात न हो.