फरीदाबाद : दिल्ली बम धमाके मामले में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को एन.आई.ए. की टीम अल-फलाह यूनिवर्सिटी लेकर पहुंची। करीब 2 घंटों की पूछताछ और निशानदेही में बिलाल ने बताया कि वह कहां पर विस्फोटक को रिफाइन किया करते थे। एन. आई.ए. की टीम जसीर को हथकड़ी में जकड़कर यूनिवर्सिटी परिसर के अलग-अलग एरिया में लेकर गई। इस दौरान पुलिस फरीदाबाद की टीम भी मौजूद रही। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई।
सूत्रों के मुताबिक मंगलवार शाम लगभग 6 बजे एन.आई.ए. की टीम संदिग्ध आतंकी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को लेकर अलफलाह यूनिवर्सिटी पहुंची। यहां सबसे पहले उसे डॉ. उमर के कमरे में ले जाकर निशानदेही कराने के साथ ही पूछताछ की गई। इसके बाद जसीर को दूसरी मंजिल के एक अन्य कमरे में ले जाकर वहां भी निशानदेही कराई गई। बाद में उसे स्टॉफ क्वार्टर की ओर ले जाया गया।
इस दौरान संदिग्ध आतंकी के चेहरे, सिर व मुंह पर काला कपड़ा था और उसके हाथों में हथकड़ी थी। एन.आई.ए. टीम का एक पुलिसकर्मी उसकी हथकड़ी पकड़े हुए था। जसीर ने टीम को बताया कि वह मुजम्मिल के कमरे में बैठकर योजना बनाते थे। यहां पर उसने विस्फोटक को निचोड़ने में मदद भी की थी। आरोपी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश मूल रूप से जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले का रहने वाला है। वह वहां एक युनिवर्सिटी में दूसरे साल का छात्र है। इसने दिल्ली में बम धमाका करने वाले डॉ. उमर नबी की मदद की थी।
जसीर भी अल फलाह यूनिवर्सिटी में पीडियाट्रिक्स में जूनियर रैजिडेंट डॉक्टर के पद पर कार्यरत था। यूनिवर्सिटी व मैडीकल कॉलेज में रहने के दौरान ही उसकी दोस्ती डॉ. उमर से हुई और फिर दोनों आतंकी गतिविधियों में जुट गए। जांच में खुलासा हुआ कि जसीर ने ही डॉ. उमर को आतंकी हमलों के लिए टैक्निकल सपोर्ट मुहैया कराया। दिल्ली धमाके से पहले जसीर ने मोडिफाई ड्रोन और रॉकेट बनाने का प्रयास भी किया था। आतंकी ड्रोन और राकेट विस्फोटक हमला करने की फिराक में थे।

















