हरियाणा में हुक्का पिलाने पर नहीं हो पाएगी जमानत

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चंडीगढ़।

हरियाणा में हुक्का बारों पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है। कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स) एक्ट में अब हुक्का को भी शामिल करते हुए विधेयक का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। हरियाणा हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से इस विधेयक के प्रारूपों पर मंथन शुरू हो गया है, जिसमें हुक्का बारों पर सख्ती बरतने के लिए ठोस कानून बनाने की संस्तुति की गई है।

हेल्थ डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक इसमें हुक्का बार चलाने वालों के खिलाफ गैर जमानती धारा प्रभावी करने के साथ-साथ लाखों रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा। यदि सब कुछ तय समय में हुआ तो अगले महीने होने वाले हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पेश किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशों पर गृह विभाग ने फ्लेवर्ड हुक्के को नुकसानदायक बताते हुए सभी पुलिस कमिश्नर और उपायुक्तों को तत्काल कार्रवाई कर इसे बंद कराने के आदेश दिए थे। इसके बाद गृह विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि पारंपरिक और व्यक्तिगत पीने वाले हुक्के पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन राज्य में होटल, रेस्तरां, बार और नाइट क्लब में तंबाकू के साथ फ्लेवर्ड हुक्का पिलाने पर प्रतिबंध रहेगा। गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से इस आशय का लेटर जारी किया गया था।

हरियाणा के विभिन्न जिलों में तंबाकू व फ्लेवर्ड हुक्का परोसने का काम चल रहा है। कई जगह तंबाकू के साथ प्रतिबंधित नशीले पदार्थ भी मिलाए जाते हैं। वहीं, यह भी देखने में आया है कि स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें कई तरह की जड़ी-बूटी मिलाई जाती हैं। युवाओं को बहला-फुसलाकर इसका चस्का लगाया जाता है, जो बाद में आदत में बदल जाती है।

गृह सचिव की ओर से कहा गया है कि फ्लेवर्ड हुक्के में निकोटीन नहीं हो सकता है, लेकिन ऐसे स्वाद वाले हुक्के का धुआं नुकसान देता है। इसका सीधा असर हृदय पर पड़ता है। इससे फेफड़े के रोग भी बढ़ते हैं। आगे चलकर यह भी गंभीर बीमारियों का कारण बनती है।

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