चंडीगढ़: हरियाणा में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 393 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जल्द ही कारण बताओ नोटिस थमाए जाएंगे। इनके क्षेत्र में ऐसी महिलाओं ने अवैध गर्भपात कराया है, जिनके घर में पहले से ही दो से अधिक लड़कियां थीं। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन गर्भवती महिलाओं के साथ विशेष तौर पर सहेली के रूप में नियुक्त की गई थीं। हरियाणा में लिंगानुपात सुधारने के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक मंगलवार को चंडीगढ़ में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हुई। टॉस्क फोर्स का गठन स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के निर्देशों पर हुआ है। इसकी हर सप्ताह बैठक होती है।
बैठक में सुधीर राजपाल ने अधिकारियों को राज्य के सभी एमटीपी (गर्भावस्था का चिकित्सा समापन) और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए ताकि कोई भी अवैध लिंग परीक्षण और गर्भपात न हो सके। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को उन 393 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (सहेली के रूप में नियुक्त) के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए। इनके क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं (जिनकी पहले से बेटियां हैं) ने अवैध गर्भपात करवाया है।
बैठक में उन्होंने अवैध लिंग जांच एवं गर्भपात के मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों का सौ फीसदी पंजीकरण होना चाहिए। उन्होंने मेवात, गुरुग्राम, पलवल तथा फरीदाबाद जिला में जन्म लेते ही उन बच्चों का तुरंत पंजीकरण करने पर बल दिया और इस कार्य में एनजीओ (स्वयं सहायता संगठनों) की मदद लेने की भी सलाह दी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किन्नर समाज से भी मीटिंग करें और उनको समझाएं कि गर्भ में पल रही कन्या का गर्भपात करवाना सामजिक संतुलन को नुकसान पहुंचाता है।
किन्नर समाज के लोग जब लड़का होने पर बधाई मांगने जाते हैं तो वे पूछताछ करें कि यह बच्चा क्या दो या तीन लड़कियों के बाद पैदा हुआ है, अगर ऐसी सूचना मिलती है तो उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में लाएं।