पंचकूला : प्रदेश की जेलों में बंद हार्डकोर क्रिमलन्स अपना आपराधिक नेटवर्क कैसे करते हैं, उनकी क्या कार्यप्रणाली रहती है। इसको लेकर हरियाणा पुलिस ने एक SIT की गठित की है। जिसमें टीम इन हार्डकोर क्रिमलन्स पर केस स्टडी करेगी। यह जानकारी हरियाणा कारागार विभाग महानिदेशक (DG) आलोक कुमार रॉय ने पंचकूला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
उन्होनें जानकारी देते हुए कहा कि जेलों में बंद हार्डकोर क्रिमलन्स अपना आपराधिक नेटवर्क कैसे करते हैं, उनकी क्या कार्यप्रणाली रहती है। इसके लिए हरियाणा पुलिस सख्त है। इसके लिए क SIT की गठित की है। जिसमें टीम इन हार्डकोर क्रिमलन्स पर केस स्टडी करेगी। उन्होनें बताया कि जेलों में होने वाली आपराधिक या अवैध गतिविधियों की जांच अभी तक जिला स्तर पर पुलिस द्वारा की जाती थी जबकि अब यह जांच स्टेट क्राइम ब्रांच द्वारा सेंट्रल लेवल पर की जाएगी।
जेल कर्मचारी पर भी होगी क्रिमिनल करवाई
उन्होंने दावा किया है कि हरियाणा की जेलों से अब अपराधी किसी भी तरह का नेटवर्क नहीं चला रहे हैं और इस पर पूर्ण विराम लगा दिया गया है। जेलों में पिछले छह महीने में 21 मोबाइल मिले हैं। जिस पर जेल प्रशासन सख़्ती करने का मन बना चुका है। यदि इसमें किसी जेल कर्मचारी की संलिप्तता भी पाई गई तो उसके खिलाफ क्रिमिनल करवाई की जाएगी।
नेटवर्क तोड़ने के लिए हार्डकोर क्रिमिनल्स होंगे शिफ्ट
उन्होंने बताया कि हरियाणा की जेलों में 27 हज़ार कैदी हैं जिनमे 27 गैंगस्टर्स शामिल हैं। गैंग्सर्टर्स का नेटवर्क तोड़ने के लिये जेल प्रशासन ने हार्डकोर क्रिमिनल्स की जेलें शिफ्ट भी की हैं। हालांकि जेलों में नशीले पदार्थ पहुंचने का सिलसिला अभी रुका नही है। इस साल अभी तक जेलों में नशीले पदार्थ मिलने के 20 मामले सामने आ चुके हैं। फिलहाल हरियाणा में जेल स्टाफ की कमी है जिसको दूर करने के लिये काम किया जा रहा है।
हाई सिक्योरटी जेल का काम 3 महीने में होगा पूरा- DG
हरियाणा कारागार विभाग महानिदेशक आलोक कुमार राय ने यह भी बताया कि रोहतक में हाई सिक्योरटी जेल का काम आने वाले करीब तीन महीने में पूरा हो जाएगा, जबकि पंचकूला और फतेहाबाद में नई जेलें बनाने के लिये जमीन मिल चुकी है। हरियाणा की जेलों की अभी तक कैपेसिटी 22 हजार है जबकि कैदियों की संख्या 27 हजार है।