पराली जलाने से रोकने नहीं जाएंगे अब अधिकारी-कर्मचारी — किसानों के हमले के बाद प्रशासन का बड़ा फैसला

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कैथल : कैथल जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए गठित टीमों ने फिलहाल फील्ड में न जाने का निर्णय लिया है। पटवारी, ग्राम सचिव और कृषि विभाग के कर्मचारी 6 अक्टूबर तक अपने कार्यालयों में रहकर रोष प्रदर्शन करेंगे।

वहीं दूसरी वजह प्रशिक्षण प्राप्त पटवारियों की अपनी मांग है, जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। अब कर्मचारियों का कहना है कि गांव ग्योंग में 1 अक्टूबर को टीम पर हुए हमले के आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं की गई, जिससे वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

किसानों ने टीम पर किया था हमला

जानकारी के अनुसार 1 अक्टूबर को पराली जलाने की सूचना पर कृषि विभाग, पटवारी और ग्राम सचिवों की टीम मौके पर पहुंची थी। इस दौरान कुछ किसानों ने टीम पर हमला कर दिया, जिसमें कृषि विभाग के 2 कर्मचारी, 2 पटवारी और एक ग्राम सचिव घायल हो गए थे। हमलावरों ने टीम की बाइक तोड़ दी और फील्ड बुक, चालान बुक और सिजरा नक्शा भी छीन लिया था। मामले में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

काली पट्टी बांधकर करेंगे प्रदर्शन

पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के प्रधान सुरेंद्र खटकड़ ने कहा कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक कर्मचारी काली पट्टियां बांधकर केवल कार्यालय में कार्य करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।

ये भी है खास वजह

इसके साथ ही उन्होंने जनवरी 2025 में प्रशिक्षण प्राप्त पटवारियों की मांग भी उठाई। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण अवधि को डेढ़ साल से घटाकर एक साल करने और इसे सेवा अवधि में जोड़ने का आश्वासन दिया था, ताकि उन्हें पूर्ण वेतन मिल सके, लेकिन अक्टूबर 2025 तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। कर्मचारियों ने जल्द आदेश जारी करने की मांग की है।