भिवानी। शहरी क्षेत्र के अनधिकृत दायरे में अब नगर परिषद की प्रॉपर्टी आईडी होने के बावजूद राजस्व विभाग में भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। अनधिकृत कॉलोनी में भूमि रजिस्ट्री कराने से पहले जिला नगर योजनाकार अधिकारी से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रतिबंधित क्षेत्रों की भूमि रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज पेपरलेस रजिस्ट्री पोर्टल पर अपलोड होने के बाद तहसील कार्यालय में जांच के दौरान आपत्ति लगाकर वापस किए जा रहे हैं।
हालांकि पेपरलेस भूमि रजिस्ट्री का पोर्टल अब पूरी तरह से काम करने लगा है लेकिन शहर के चारों ओर आसपास के गांवों से सटी कृषि भूमि में अवैध कॉलोनियां काटने का कारोबार लगातार बढ़ रहा है। इसी कारण शहर का अनधिकृत विकास हो रहा है। इन कॉलोनियों में सस्ते प्लाॅट बेचने के लिए लोगों को जल्द कॉलोनी अधिकृत होने और जनसुविधाएं मिलने का झांसा भी दिया जा रहा है।
भिवानी शहर के चारों ओर करीब पांच से सात किलोमीटर का दायरा पार करते ही गांवों की सीमाएं शुरू हो जाती हैं। ऐसे में शहर का बाहरी हिस्सा अनधिकृत रूप से फैल रहा है। इन क्षेत्रों में कृषि भूमि के अंदर अवैध रूप से प्लाॅट काटे जा रहे हैं। यही वजह है कि करीब 15 वर्षों से राजस्व विभाग ने सीमांत क्षेत्रों की भूमि के किला और खसरा नंबर को प्रतिबंधित कर रखा है जिनकी भूमि रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। पहले अनधिकृत कॉलोनियों में भी कुछ लोग प्रॉपर्टी आईडी बनवाकर भूमि रजिस्ट्री कराने में सफल हो जाते थे। इस प्रकार की कई फर्जी प्रॉपर्टी आईडी और गलत भूमि रजिस्ट्रियों को विभाग ने चिह्नित किया है जिनकी जांच चल रही है।
अब पेपरलेस भूमि रजिस्ट्री की ऑनलाइन व्यवस्था में भी प्रतिबंधित क्षेत्रों की भूमि रजिस्ट्री गलत प्रॉपर्टी आईडी के साथ पोर्टल पर अपलोड की जा रही हैं। जांच के दौरान ऐसे मामलों पर आपत्ति लगाकर दस्तावेज वापस किए जा रहे हैं।
प्रॉपर्टी डीलर एकड़ में खरीद रहे कृषि भूमि, फिर काट रहे छोटे प्लाॅट
शहर के चारों ओर अवैध कॉलोनाइजरों द्वारा प्लाॅट काटने का कारोबार तेजी से चल रहा है। ये लोग गांवों में कृषि भूमि एकड़ में खरीदते हैं। ग्रामीण दायरे में एक एकड़ से अधिक भूमि की रजिस्ट्री पर डीटीपी की एनओसी अनिवार्य नहीं होती। इसी का फायदा उठाकर अवैध कॉलोनाइजर बाद में इन जमीनों पर छोटे-छोटे प्लाॅट काटकर बेच देते हैं। हालांकि जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा पूरे वर्ष में करीब 450 एकड़ क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों की डिमार्केशन कर चहारदीवारी और अवैध निर्माण तोड़े गए हैं इसके बावजूद अवैध कॉलोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं।
अधिकृत कॉलोनियों की आड़ में अनधिकृत प्लाॅट बिक्री का खेल चल रहा
शहर के बाहरी दायरे में कुछ अधिकृत कॉलोनियां भी हैं जिनके आसपास गांवों की सीमाएं और खेतों की भूमि लगती है। इनमें गांव पालुवास, हालुवास, निनान और देवसर क्षेत्र शामिल हैं। इन अधिकृत कॉलोनियों की आड़ में आसपास की भूमि पर प्रॉपर्टी आईडी बनवाकर अब तक प्लॉट बेचे जाते रहे हैं। नए पोर्टल में किला और खसरा नंबर के आधार पर ही राजस्व विभाग के कर्मचारी जांच के बाद दस्तावेजों की तस्दीक कर रहे हैं। जहां भूमि रजिस्ट्री प्रतिबंधित है वहां पोर्टल पर अप्रूवल नहीं दी जा रही है। इसके बावजूद प्लाॅट काटने वाले भूमि रजिस्ट्री का वादा कर एग्रीमेंट के आधार पर जमीन बेच रहे हैं। अवैध कॉलोनियों में कॉलोनी काटते समय पार्किंग, पार्क और सड़क के लिए छोड़ी गई खाली जगहों को भी बेच दिया जा रहा है। कुछ मामलों में एक ही भूमि के एग्रीमेंट एक से अधिक लोगों से कर धोखाधड़ी की जा रही है।
भूमि विवाद से जुड़े मामलों की आर्थिक अपराध शाखा कर रही जांच
पुलिस के पास भी भूमि से जुड़े धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इन मामलों की जांच पुलिस अधीक्षक कार्यालय की अनुमति से आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। भूमि बेचने के बाद दोबारा किसी अन्य को बेचने, रुपये के लेनदेन और केवल एग्रीमेंट के आधार पर भूमि बेचने के कई मामले सामने आ रहे हैं। कुछ मामलों में तो एग्रीमेंट की गई भूमि वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं होती।
पेपरलेस भूमि रजिस्ट्री का पोर्टल पूरी तरह से काम कर रहा है। शहर के अनधिकृत दायरे में यदि प्रॉपर्टी आईडी बनवाई गई है तो जिला नगर योजनाकार विभाग से जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र को पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा। यदि एनओसी नहीं है तो उस क्षेत्र की भूमि रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। शहर के आसपास की प्रतिबंधित भूमि की कोई भी रजिस्ट्री नहीं हो रही है।