कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर आज सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार मे हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा. इस दौरान भक्तों ने देर रात से ही लाइन में लगकर अपने इष्ट देव बाबा महाकाल के दर्शन किए. आज बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 4 बजे जागे. पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से भी गुंजायमान हो गया.
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि रूप चतुर्दशी पर आज सोमवार सुबह 4 बजे भस्म आरती हुई. इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया. जिसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया.
महाकाल का दिव्य संस्कार
पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया. पुजारियों और पुरोहितों ने इस दौरान बाबा महाकाल का दिव्य स्वरूप में श्रृंगार कर कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट के साथ रुद्राक्ष और मुंड माला धारण कराई. जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई. आज के श्रृंगार की विशेषता यह थी कि आज बाबा महाकाल का श्रृंगार उबटन लगाकर किया गया.
महाकाल मंदिर में दीपावली
जिसके दिव्य दर्शनों का लाभ हजारो भक्तों ने लिया और जय श्री महाकाल का जयघोष भी किया. जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया. भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार साकार स्वरूप मे दर्शन देते है. महाकाल मंदिर में रूप चतुर्दशी पर दीपावली मनाने की परंपरा है.
उबटन लगाया गर्म जल से हुआ स्नान
इस बार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि के महासंयोग बन रहा है. तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान महाकाल को केसर चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराया. पश्चात नए वस्त्र, सोने, चांदी के आभूषण से विशेष श्रृंगार किया जाएगा. भगवान को अन्नकूट में पारंपरिक छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की गई. दिवाली पर महाकालेश्वर मंदिर परिसर में भव्य रंगोली निर्माण किया गया.
500000 वर्ग फीट में बनी रंगोली
इस अद्वितीय कलात्मक पहल के अंतर्गत लगभग 50,000 वर्ग फीट क्षेत्रफल में आकर्षक रंगोली का निर्माण किया गया है. इस विशाल रंगोली निर्माण कार्य में पंकज सहरा के नेतृत्व में ‘The Sketchers’ और ‘कला मंच उज्जैनी’ के 20 कलाकार के साथ कुंज बिहारी पांडे के निर्देशन में 10 कलाकारों की टीम सहायक प्रशासक आशीष फलवाडिया के मार्गदर्शन में संयुक्त रूप से अपनी कलात्मक प्रतिभा का अद्वितीय प्रदर्शन किया. इस भव्य रंगोली का नजारा ड्रोन से कैद किया गया है. यह रंगोली आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
मंदिर परिसर में आतिशबाजी पर रोक
उज्जैन पुलिस निर्देश के बाद से मंदिर परिसर में आतिशबाजी पर रोक लगाई गई है. दीपावली के मौके पर परंपरानुसार केवल आरती के दौरान एक ही फुलझड़ी जलाई गई. पहले परिसर में कहीं भी पटाखे जलाएं जाते थे. हालांकि, अब भक्तों की सुरक्षा दृष्टि से इस नियम पर रोक लगा दी गई है. गर्भगृह, कोटी तीर्थ कुंड, मंदिर परिसर और श्री महाकाल महालोक क्षेत्र में किसी भी तरह की आतिशबाजी पर रोक है.

















