महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में धांधली और चुनाव आयोग को लेकर विपक्षी दल लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. विपक्ष चुनाव आयोग और बीजेपी के बीच सांठगांठ का आरोप लगा रहा है. इस बीच विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग की अनियमितताओं के खिलाफ 1 नवंबर को पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया है. खास बात ये है कि इस बार उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ MNS प्रमुख राज ठाकरे भी साथ नजर आएंगे.
विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग की अनियमितताओं के खिलाफ 1 नवंबर को पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया है. रविवार (19 अक्टूबर) को मुंबई में शिवसेना भवन में सर्वदलीय पत्रकार परिषद में प्रमुख विपक्षी दलों- शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस, मनसे और एनसीपी (शरद पवार गट) ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और मतदाता सूची में गड़बड़ी के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान किया.
‘यह समय है कि सभी विपक्षी दल एकजुट हों’
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत का कहना है कि यह समय है कि सभी विपक्षी दल एकजुट हों. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम चुनाव आयोग की गड़बड़ियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. दिल्ली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में यह संघर्ष चल रहा है और अब महाराष्ट्र भी इस लड़ाई का हिस्सा बनेगा. राउत ने कहा कि आज राज ठाकरे ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि मतदान प्रक्रिया में मैच फिक्सिंग हो रही है.उन्होंने कहा ‘कल गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वे घुसपैठियों को निकालेंगे. हमें भी चुनावी प्रक्रिया में घुसपैठ करने वालों को बाहर निकालना होगा’.
‘BJP विधायक मंदा म्हात्रे ने गड़बड़ी की बात स्वीकार की’
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने बीजेपी की विधायक मंदा म्हात्रे का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि फर्जी मतदाता सूची में नाम शामिल किए गए, उन्होंने शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. राउत ने कहा कि बुलढाणा से शिवसेना के नेता संजय महाजन ने भी ऑन रिकॉर्ड फर्जी मतदाताओं की जानकारी दी है.
‘चुनाव आयोग अपनी गलती मानने को तैयार नहीं’
संजय राउत ने बताया ‘हम दो दिनों से चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिल रहे हैं, लेकिन आयोग अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है. अब हमें उन्हें झकझोरना होगा ताकि उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो’. उन्होंने घोषणा की कि 1 नवंबर को चुनाव आयोग के खिलाफ महाराष्ट्रभर में बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसमें शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे स्वयं नेतृत्व करेंगे. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ महाराष्ट्र का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का आंदोलन होगा.
‘मतदान का अधिकार किसी से छीना नहीं जा सकता’
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राहुल गांधी ने मतदाताओं और नागरिकों की आंखें खोल दी हैं. मतदान नागरिकों का जन्मसिद्ध अधिकार है और यह अधिकार किसी से छीना नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि विपक्ष एकजुट होकर चुनाव आयोग की अनियमितताओं के खिलाफ लड़ रहा है. उन्होंने बताया कि ‘हमने एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई. हमें 41 लाख फर्जी मतदाता नाम मिले हैं, और यह संख्या और भी बढ़ सकती है’. सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र के 12 करोड़ नागरिकों का मताधिकार खतरे में है यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.
MNS और NCP (SP) ने किया आंदोलन का समर्थन
इधर MNS नेता बाला नंदगांवकर ने कहा ‘लोग अब मतदाता सूची की समस्या को समझने लगे हैं. वे सशंकित हैं. चुनाव आयोग को अपनी साख और जनता का विश्वास बनाए रखना होगा. अगर आयोग गंभीर नहीं है, तो हमें उन्हें जगाना पड़ेगा इसलिए हम विरोध प्रदर्शन का आह्वान कर रहे हैं’.
वहीं एनसीपी ( शरद पवार गुट ) के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि ‘हम सत्तारूढ़ दलों के विरोध प्रदर्शन का स्वागत करते हैं, लेकिन जो लोग फर्जी मतदाताओं से लाभ उठा रहे हैं, वे हमारे साथ न आएं. 1 नवंबर को सर्वदलीय विरोध मार्च चुनाव आयोग की ओर बढ़ेगा’. उन्होंने सवाल उठाया ‘चुनाव आयोग बताए कि मतदाता सूची में वोटों की नकल, गलत पते, गलत उम्र जैसी खामियों पर वह क्या कार्रवाई कर रहा है? अगर नाम हटाए गए हैं, तो किन मानदंडों पर हटाए गए?’. पाटिल ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी मामले सामने लाए जाएंगे और सभी विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस आंदोलन में शामिल हों. उन्होंने कहा कि एनसीपी (एसपी) इस विरोध प्रदर्शन को पूरा समर्थन देगी.

















