हरियाणा के निंबी गांव की दिव्या तंवर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। दिव्या ने 2022 की UPSC परीक्षा में 105वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया है। 2011 में दिव्या के पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी मां बबीता तंवर ने परिवार की जिम्मेदारी उठाते हुए खेतों में मजदूरी की और सिलाई का काम किया ताकि अपने चार बच्चों की पढ़ाई जारी रख सकें। मां के इस संघर्ष ने दिव्या को कभी हार न मानने की प्रेरणा दी।
दिव्या ने सरकारी स्कूल और नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की, फिर महेंद्रगढ़ के सरकारी वीमेंस कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल की। ट्यूशन पढ़ाकर खुद अपना खर्च निकालती थीं। महंगी कोचिंग छोड़, उन्होंने फ्री ऑनलाइन स्टडी मटेरियल और मॉक टेस्ट का सहारा लिया और रोजाना 10 घंटे मेहनत की। 2021 में पहले प्रयास में दिव्या ने UPSC परीक्षा में 438वीं रैंक हासिल कर IPS अधिकारी बनीं, लेकिन IAS बनने का सपना अधूरा था। दूसरे प्रयास में उन्होंने अपनी रैंक बेहतर करते हुए 105वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बनीं।
वर्तमान में दिव्या मणिपुर कैडर में सेवा दे रही हैं। उनकी कहानी न केवल एक परीक्षा सफलता है, बल्कि मातृत्व, संघर्ष और हौसले की मिसाल भी है। दिव्या आज उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

















