कुरुक्षेत्र की मंडियों में धान की आवक शुरू, किसान बोले- रोग और बारिश से 30% उत्पादन घटा, मुआवजा की मांग

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कुरुक्षेत्र: जिले की अनाज मंडियों में बासमती धान की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन किसानों के चेहरों पर चिंता साफ झलक रही है. इस बार लगातार हुई बरसात और फसलों में फैली बीमारियों के कारण धान की पैदावार में 30% से 40% तक की गिरावट देखी जा रही है. ऐसे में किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

बरसात और रोग से बर्बाद हुई फसल: इस बारे में जिले के एक किसान गुरमुख सिंह ने कहा कि, “इस बार बाढ़ और बरसात ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. धान की फसल पकने के समय भी बारिश होने से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस बार “हल्दी रोग” और “फिजी रोग” जैसे रोगों ने भी फसलों को चौपट कर दिया है, जिससे 50% तक उत्पादन घट गया है. ऐसे हालात में सरकार को किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.”

रेट सही मिलने के बावजूद नुकसान में किसान: वहीं, एक अन्य किसान संजीव कुमार ने कहा कि, “इस बार धान की कीमतें ₹2900 से ₹3300 प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं, जो संतोषजनक हैं, लेकिन उत्पादन इतना कम हो गया है कि किसानों को मुनाफा नहीं हो पा रहा है. लंबे समय तक हुई बरसात और फसल पकने के समय बारिश होने से फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर असर पड़ा है.”

आढ़ती ने की किसानों से अपील: जिले के एक मंडी के आढ़ती अजमेर सिंह का कहना है कि, “इस बार 30% से 40% तक उत्पादन कम देखने को मिल रहा है. मेरी किसानों से अपील है कि वे फसल को पूरी तरह सुखाकर मंडी में लाएं, ताकि उन्हें सही भाव मिल सके और परेशानी से बचा जा सके. मंडी में किसानों को भुगतान में कोई देरी नहीं हो रही. 72 घंटे के भीतर पेमेंट की जा रही है.

“मुआवजा दे सरकार”: ऐसे में किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. किसानों का कहना है कि, “जब उत्पादन में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज हो रही है, तो सरकार को चाहिए कि वह स्थिति का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दे. अगर स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया तो किसानों की आर्थिक स्थिति और भी कमजोर हो जाएगी.”