पंचकूला मेयर को ठगों ने लगाया 42.50 लाख रुपये का चूना, बैंक की बड़ी लापरवाही आई सामने…जानिए पूरा मामला

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पंचकूला : पंचकूला मेयर कुलभूषण गोयल के फर्जी व्हाटसऐप से आए एक लेटर के बाद पंजाब एंड सिंध बैंक ने 42.50 लाख रुपये ट्रांसफर करने का मामले सामने आया है।इस मामले में पंचकूला साइबर क्राइम थाना में केस दर्ज कर लिया गया। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि उनके फर्जी लेटर भेजकर उनके अकाउंट से 42.50 लाख रुपये निकाल लिए गए।   मेयर के लेटर पर साइन भी नहीं थे। उनके छोटे भाई के फर्जी साइन वेरीफाइन करवाए बिना बैंक ने बड़ी लापरवाही दिखाते हुए यह राशि ट्रांसफर कर दी।

लगभग साढ़े 4 घंटे बाद मेयर को इसका तब पता चला, जब विदेश में उनके बेटे ने उन्हें फोन करके पूछा कि आपने 42.50 लाख रुपये किसे ट्रांसफर किए हैं। यह सुनते ही मेयर हैरान हो गए।   उन्होंने अपने पूरे स्टाफ से की गई ट्रांसजेक्शन के बारे में पूछताछ की, लेकिन किसी ने भी चैक या आरटीजीएस के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया।

इसके बाद मेयर ने बैंक से जानकारी जुटानी शुरु की। जिसके बाद उन्हें पता चला कि धोखाधड़ी के अंतर्गत अपराधी पंजाब एंड सिंध बैंक के अधिकारियों से व्हाट्सऐस के जरिए बातचीत करना शुरु हो गए थे।  व्हाट्सऐप पर कुलभूषण गोयल का नाम और उनकी एएनए ग्रुप कंपनी का लोगो लगा हुआ था।  बैंक के अधिकारियों को फर्जी काल करने वाले ने पहले एक करोड़ रुपये की एफडी करवाने का लालच दिया।

मेयर का सामाजिक रसूख होने के चलते किसी ने काल करने वाले पर शक ही नहीं किया। इसके बाद ठग ने बैंक के अधिकारी को कहा कि मैं एक लेटर भेज रहा हूं, तुरंत उस लेटर पर दिए गए खातों में राशि जारी कर दें। मेयर की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है और दो अधिकृत हस्ताक्षर होने के बाद ही बैंक से राशि निकलती है।  आज तक कभी भी इस कंपनी ने किसी लेटर के जरिए राशि जारी नहीं की।

लेटर जब बैंक के अधिकारियों के पास आया, तो उस पर मेयर के हस्ताक्षर नहीं थे। लेटर पर एक ही हस्ताक्षर थे।  जानकार सूत्र बताते हैं कि लेटर पर जो हस्ताक्षर थे, वह मेयर के छोटे भाई के हस्ताक्षर की नकल जैसे थे।  जबकि जब भी इस कंपनी से कोई भी चैक आरटीजीएस के लिए जारी होता है, तो दो हस्ताक्षर के बाद ही राशि निकलती है।  इसके बाद भी किसी बैंक अधिकारी ने शक नहीं किया।

लेटर आने के बाद काफी देर तक बैंक से लेटर में लिखी गई राशि आरटीजीएस नहीं की गई। ठगी करने वाले ने कई बार बैंक में फोन किया और कहा कि तुम्हें कितनी देर लगती है रुपये आरटीजीएस करने में?  बार-बार फोन आने पर भी किसी बैंक अधिकारी ने कंपनी के कार्यालय में फोन करके यह जानने की कोशिश नहीं की कि क्या सच में मेयर ही बार-बार फोन करके राशि डालने के लिए कह रहे हैं।

जबकि कोई भी बड़ी राशि का चैक आने पर अक्सर बैंक के कर्मचारी संबंधित कंपनी या व्यक्ति को फोन करके पूछते हैं कि आपने चैक जारी किया है क्या? मेयर कुलभूषण गोयल ने तुरंत पंजाब एंड सिंध बैंक के अधिकारियों से संपर्क किया। bउन्होंने बताया कि आपके व्हाट्सऐस से लेटर आने के बाद ही हमने यह राशि जारी की है।  मेयर ने कहा कि आपने धोखाधड़ी से यह राशि जारी कर दी, मैंने कोई लेटर नहीं भेजा।  मेयर समझ गए कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद तुरंत चंडीगढ़ साईबर पुलिस से शिकायत की।

मामला पंचकूला महापौर से जुड़ा हुआ होने के चलते चंडीगढ़ साईबर पुलिस ने राशि सीज करने के साथ ही पंचकूला पुलिस से उन्हें संपर्क करने को कहा। इसके बाद पंचकूला साईबर पुलिस ने भी जांच शुरु कर दी।