पंचकूला: हरियाणा के पंचकूला में लिंगानुपात की स्थिति बेहतर हुई है. जिला पंचकूला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉक्टर मुक्ता कुमार ने बताया कि “जनवरी से सितंबर 2025 के बीच जिले में जन्म के समय लिंगानुपात बढ़कर 951 हो गया है. जबकि उक्त अवधि में साल 2024 में लिंगानुपात 914 था. जिले के लिंगानुपात में 37 अंकों की बढ़ोतरी हुई है.” उन्होंने इस सुधार को पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी प्रवर्तन, सामुदायिक जागरूकता और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों का असर बताया.
137 पीएनडीटी और 46 एमटीपी केंद्रों का निरीक्षण: डॉक्टर मुक्ता कुमार ने शुक्रवार को पीसी पीएनडीटी अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई और जिले में लिंगानुपात की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि “सितंबर 2025 तक जिले में 57 पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्र और 33 पंजीकृत एमटीपी केंद्र हैं. पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत 137 पीएनडीटी और 46 एमटीपी केंद्रों का निरीक्षण किया गया. इस दौरान 11 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. इनमें से 7 पीसी-पीएनडीटी और 4 एमटीपी अधिनियम के अंतर्गत थे. इसके अतिरिक्त 20 एमटीपी (Medical Termination of Pregnancy) केंद्रों के लाइसेंस भी रद्द किए गए.”
अनुपालन सुनिश्चित करने को नियमित निगरानी: सिविल सर्जन डॉक्टर मुक्ता कुमार ने बताया कि “अधिनियमों के अनुपालन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु नियमित औचक निरीक्षण और फील्ड ऑडिट किए जा रहे हैं. साथ ही अवैध गतिविधियों की सूचना देने वालों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर को एक लाख रुपये और डिकॉय ग्राहक को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. जबकि एमटीपी अधिनियम के अंतर्गत यह राशि क्रमशः 10 हजार रुपये और 25 हजार रुपये है. उन्होंने कहा कि सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाती है.”
पंचकूला के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गांव: सीएमओ मुक्ता कुमार ने बताया कि “जिला पंचकूला के कई गांवों ने लिंगानुपात की स्थिति में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. इनमें अभयपुर, वासुदेवपुर, बटोर, कोशियाहट, बन्ना, बुड्ढनपुर, हरिपुर, चोना चौक, चपलाना और अलीपुर शामिल हैं.” बताया गया कि इनके अलावा भी कई गांव अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन उक्त गांवों ने किया है.
लिंगानुपात संतुलित रखने में कमजोर गांव: सीएमओ ने बताया कि जिला ठपंचकूला के कई गांव ऐसे भी हैं, जहां लिंगानुपात की स्थिति में सुधार लाना अत्यावश्यक है. उन्होंने कहा कि “ऐसे गांव के बाशिंदों, सरपंचों और स्थानीय टीमों को इस दिशा में सकारात्मक सोच अपनाकर अच्छा काम करने की जरूरत है. लिंगानुपात संतुलित रखने की दिशा में कमजोर रहे गांवों में बिहारी कॉलोनी, नाडा साहिब, भैंसा टिब्बा, रेहना, गेट नंबर 3, राजीपुर, भोगपुर, मढ़ावाला, प्यारेवाला और कौल फतेह सिंह गांव शामिल हैं.”