पानीपत के जवान की गोली लगने से मौत

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पानीपत।

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पानीपत के जवान सत्यजीत (25) की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई है। जवान का पार्थिव शरीर आज उसके पैतृक गांव शेरा पहुंचा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। हालांकि, सलामी देने वाली सेना की टुकड़ी साथ नहीं आई।

गांव शेरा में कुछ समय के लिए शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। इसके दर्शन के लिए परिजनों के साथ बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं। साथ ही कैबिनेट मिनिस्टर कृष्ण लाल पंवार ने भी जवान को पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। कुछ देर बाद गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जवान का शव मंगलवार को श्रीनगर से हेलिकॉप्टर के जरिए दिल्ली भेजा गया था। इसके बाद दिल्ली से इसे सेना की एम्बुलेंस से घर पहुंचाया गया।

सत्यजीत की करीब 2 महीने बाद 5 अप्रैल को शादी होनी थी। इसे लेकर घर में तैयारियां चल रहीं थी। वह खुद भी इसकी तैयारियों में जुटे हुए थे। 3 दिन पहले ही वह शादी की शॉपिंग कर ड्यूटी पर लौटे थे। सत्यजीत शूटिंग में नेशनल लेवल के खिलाड़ी थे। उन्होंने गोल्ड मेडल भी जीता था। स्पोर्ट्स कोटे से ही वह आर्मी में भर्ती हुए थे।

3 दिन पहले ही छुट्टी काट घर से गए थे पिता सज्जन सिंह ने बताया है कि सत्यजीत 6 साल पहले स्पोर्ट्स कोटे से सेना की राष्ट्रीय राइफल्स (RR) बटालियन में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। वह 2 साल पहले हवलदार के पद पर पदोन्नत हुए थे। भर्ती होने से पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी कई मेडल जीते थे। उन्हें हाल में ही आर्मी कमांडर पत्र से भी नवाजा गया था।

पिता बताते हैं कि 2 महीने बाद सत्यजीत की शादी थी, इसलिए वह शॉपिंग के लिए छुट्टी पर घर आए थे। शादी के वक्त ज्यादा काम बाकी न रहे, इसलिए कपड़े तैयार करवा लिए थे। 9 फरवरी को ही वह छुट्टियां खत्म कर ड्यूटी पर लौटे थे।

सत्यजीत के पिता सज्जन सिंह खुद सेना से सूबेदार के पद से रिटायर्ड हैं। करीब 8 साल पहले वह सेना से रिटायर हुए थे। सत्यजीत अपने पिता सज्जन सिंह से काफी प्रभावित थे। वह हमेशा से ही अपने पिता की तरह देश की सेवा करना चाहते थे। यही कारण था कि स्पोर्ट्स में अच्छा करने के बावजूद उन्होंने सेना में जाना चुना।