शांति विधेयक से देश का परमाणु ऊर्जा क्षेत्र बदलेगा: किरण चौधरी

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भिवानी। राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी ने शांति विधेयक 2025 पर अपने संबोधन में इसे भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक, दूरदर्शी और परिवर्तनकारी सुधार बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल एक कानूनी संशोधन नहीं है, बल्कि यह भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा, राष्ट्रीय सामरिक शक्ति और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

किरण चौधरी ने बताया कि पिछले दशकों से भारत का परमाणु क्षेत्र विभिन्न पुराने और असंगत कानूनी ढांचों के तहत काम कर रहा था, जिसके कारण परियोजनाओं में अनावश्यक देरी, निवेश में अनिश्चितता और नीति स्तर पर अस्पष्टता बनी रहती थी। शांति विधेयक 2025 इन सभी विसंगतियों को समाप्त करते हुए एक एकीकृत, आधुनिक और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित करता है, जिसमें लाइसेंसिंग, सुरक्षा अनुमोदन, दायित्व निर्धारण और मुआवजे से जुड़े सभी प्रावधान स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के आत्मनिर्भर परमाणु कार्यक्रम की नींव पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी, जिनका दृष्टिकोण राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा दोनों पर समान रूप से केंद्रित था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उस दृष्टि को नई ऊर्जा मिली है और अब भारत परमाणु ऊर्जा को न केवल सामरिक शक्ति बल्कि आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण मान रहा है। यह विधेयक भारत के 2047 के विकास लक्ष्य के तहत दीर्घकालिक ऊर्जा स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है और यह भारत को एक उन्नत, आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।