भिवानी। क्षेत्र के 400 एकड़ दायरे में शहर के विस्तार की तैयारी की जा रही है। नगर परिषद की 21 अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कराने की तैयारी है। ऐसे में शहरी निकाय विकास विभाग अब सरकार के मानकों को पूरा करने वाली कॉलोनियों की छंटनी पर काम शुरू कर चुकी है।
इसी मामले में नगर परिषद अधिकारियों का भी मुख्यालय के उच्चाधिकारियों के साथ मंथन हुआ है। हालांकि ये मामला लंबे अर्से से ठंडा पड़ा रहा क्योंकि कई कॉलोनियां सरकार के मानकों को पूरा नहीं कर रहीं थीं। इसीलिए भिवानी में सिर्फ तीन कॉलोनियों को ही अधिकृत किया गया है, जबकि दो अनधिकृत कॉलोनियां मसौदे से बाहर हो चुकी हैं।
अब नगर परिषद की सीमा से बाहर करीब 400 एकड़ का दायरा अधिकृत कराने की तैयारी है। इसीलिए 21 अनधिकृत कॉलोनियों का मसौदा मुख्यालय भेजने के बाद मुख्यालय में स्थानीय अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है। अब यह मामला सरकार के पाले में है।
सरकार ने कॉलोनियों को अधिकृत करने के लिए नए मानक तय किए हैं। उन्हीं के हिसाब से कॉलोनियों को अधिकृत कर उनमें ढांचागत जनसुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। हालांकि भिवानी शहर का ढाई से करीब तीन हजार एकड़ में अनधिकृत विस्तार हुआ है। इसमें से मुश्किल से 400 एकड़ को ही अधिकृत कराने का खाका नगर परिषद तैयार कर पाया है।
शहर के चारों तरफ फैला अनधिकृत कॉलोनियों का जाल
शहर के लोहारू रोड, तोशाम बाईपास से देवसर रोड, रोहतक रोड, महम रोड, दादरी रोड, दिनोद रोड, हांसी रोड, प्रेमनगर के आसपास भी कई अवैध कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। इसी तरह शहर से मात्र पांच किमी दूर बापोड़ा रोड और तोशाम बाईपास शहरी दायरे से बाहर की हद में खेतों के अंदर प्लाॅट कट चुके हैं। अधिकतर कॉलोनियों के प्लाॅट एग्रीमेंट पर बिक चुके हैं, क्योंकि इन हिस्सों में भूमि की रजिस्ट्री पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन साठगांठ से कुछ प्रतिबंधित दायरे में भी चोरी छिपे भूमि की रजिस्ट्री नियमों को ताक पर रखकर की जा चुकी हैं। अब पेपरलेस रजिस्ट्री के दौरान भी इस तरह की कॉलोनियों के दस्तावेज पोर्टल पर ऑनलाइन किए जा रहे हैं, लेकिन उनकी भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो रही है।
शहरी दायरे में नहीं आया कोई औद्योगिक सेक्टर
शहर का अनधिकृत रूप से दायरा बढ़ने के साथ ही आवासीय इलाके तेजी से विकसित हो रहे हैं। भिवानी के बाहरी क्षेत्रों में रिहायशी कॉलोनियों के अंदर ही कारोबारी लघु उद्योग भी लगा रहे हैं। शहर में पिछले चार दशक से कोई औद्योगिक सेक्टर विकसित नहीं हुआ। हालांकि भिवानी में निनान के पास नया औद्योगिक सेक्टर बनाने संबंधी एचएसवीपी की प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में है, लेकिन प्रदेश सरकार नए सिरे से औद्योगिक सेक्टर विकसित करने की तैयारी में है।
शहर की इन कॉलोनियों में उठ रहा प्रदूषण का धुआं
शहरी आबादी के बीच कोई भी लघु उद्योग स्थापित नहीं किया जा सकता, लेकिन पिछले करीब ढाई दशक से आबादी भरे इलाके में ही छोटे उद्योगों की चिमनियां प्रदूषण का धुआं उगल रहीं हैं। इनमें तोशाम बाईपास उत्तमनगर कॉलोनी, डाबर कॉलोनी, लक्ष्मीनगर, कोंट रोड, ढाणा रोड की कई कॉलोनियों के रिहायशी क्षेत्र शामिल हैं। इसी तरह लोहारू रोड, हांसी रोड, महम रोड, तोशाम रोड क्षेत्र की रिहायशी कॉलोनियों में भी कई छोटे उद्योग स्थापित हो चुके हैं। इन्हीं वजहों से ये इलाके अधिकृत दायरे में आने के मानक भी पूरे नहीं कर पा रहे हैं।
शहरी दायरे में ये इलाके होंगे अधिकृत
नगर परिषद की शुरुआत में 54 अनधिकृत कॉलोनी चिह्नित की गई थी, लेकिन ये मामला घटते-घटते 35 अनधिकृत कॉलोनियों तक आ पहुंचा। इसमें भी मुख्यालय की आपत्ति लगी तो छंटनी का सिलसिला जारी रहा और अब अनधिकृत कॉलोनियों की संख्या 21 ही बची है, जिनका मसौदा मुख्यालय भेजा गया है। इनमें शहर की राजीव कॉलोनी, सिटी स्टेशन का क्षेत्र, लोहारू रोड का उत्तमनगर टिब्बा बस्ती, नई बस्ती, डाबर कॉलोनी तोशाम बाईपास का क्षेत्र, हांसी रोड की देवनगर कॉलोनी, जिला जेल के आसपास की कॉलोनी, कोंट रोड डाग फार्म क्षेत्र की कॉलोनी, रोहतक रोड की न्यू डिफेंस कॉलोनी, बैंक कॉलोनी हुन्नामल प्याऊ का क्षेत्र शामिल है।
नगर परिषद की सीमा में करीब 400 एकड़ दायरा और नया शामिल होने वाला है। इसके लिए नगर परिषद ने 21 अनधिकृत कॉलोनियों का मसौदा मुख्यालय भेजा है। इसी मसले पर मैं खुद नगर परिषद अधिकारियों के साथ मुख्यालय जाकर मंथन कर चुका हूं। इन कॉलोनियों के मसौदे में लगी आपत्तियों को दूर किया चुका है। जल्द ही सरकार इन कॉलोनियों को अधिकृत दायरे में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। इसके लिए विधायक घनश्याम सर्राफ भी प्रयासरत हैं।

















