हरियाणा में नए जिलों के गठन की तैयारी, इस तारीख तक आएगा अंतिम फैसला

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चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार प्रदेश में प्रशासनिक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने के लिए बड़े फैसले की तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार को 11 नए जिलों, 14 नए उपमंडलों, 4 नई तहसीलों और 27 उप-तहसीलों के गठन से संबंधित प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह सभी प्रस्ताव प्रशासनिक पुनर्गठन उप-समिति की 5वीं बैठक में प्रस्तुत किए गए।

इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने की, जिसमें शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा बतौर सदस्य शामिल हुए। बैठक में राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा और विशेष सचिव कमलेश कुमार भादू भी उपस्थित रहे।

प्रस्तावित नए जिले:

  • असंध (जिला करनाल)
  • नारायणगढ़ (जिला अंबाला)
  • मानेसर (जिला गुरुग्राम)
  • पटौदी (जिला गुरुग्राम)
  • पिहोवा (जिला कैथल)
  • हांसी (जिला हिसार)
  • बरवाला (जिला हिसार)
  • सफीदों (जिला जींद)
  • गोहाना (जिला सोनीपत)
  • डबवाली (जिला सिरसा)

गौरतलब है कि डबवाली और हांसी को पहले ही पुलिस जिला घोषित किया जा चुका है।

प्रस्ताव की संवेदनशील समय-सीमा

राज्य सरकार को इन प्रस्तावों पर निर्णय 31 दिसंबर 2025 से पहले लेना होगा। भारत के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनगणना से पूर्व किसी भी प्रशासनिक सीमा में बदलाव की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है। यदि इस समय-सीमा में निर्णय नहीं लिया गया, तो फिर अगला अवसर जून 2027 के बाद ही मिल सकेगा, जब अगली जनगणना प्रक्रिया पूरी होगी।

नए जिले बनाने के मानदंड:

गांवों की संख्या: 125 से 200

जनसंख्या: 4 लाख से अधिक

क्षेत्रफल: 80,000 हेक्टेयर से अधिक

इन्हीं मानकों के आधार पर उपमंडल, तहसील और उप-तहसील के गठन के लिए भी मापदंड तय किए गए हैं।

अन्य प्रस्तावों पर भी विचार

मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने जानकारी दी कि समिति को अब तक कुल 73 प्रशासनिक पुनर्गठन से जुड़े प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से कुछ प्रस्तावों को लेकर सुझाव भी दिए गए हैं, जैसे:

  • गांव खुंगा (उपमंडल उचाना) को उपमंडल जींद में शामिल करने की सिफारिश
  • गांव खानपुर रोरण (तहसील पिहोवा) में शामिल करने का प्रस्ताव

पंवार ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार जनहित और जनप्रतिनिधियों की मांगों के अनुरूप प्रशासनिक ढांचे को नए सिरे से गठित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अगला कदम: मुख्यमंत्री की मंजूरी

बैठक में लिए गए सभी प्रस्ताव अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे। यदि मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलती है, तो हरियाणा में जल्द ही बड़े प्रशासनिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।